सपा अध्यक्ष ने विनेश मामले में पीटी ऊषा के बयान की निंदा की |

सपा अध्यक्ष ने विनेश मामले में पीटी ऊषा के बयान की निंदा की

सपा अध्यक्ष ने विनेश मामले में पीटी ऊषा के बयान की निंदा की

:   Modified Date:  August 13, 2024 / 12:03 AM IST, Published Date : August 13, 2024/12:03 am IST

लखनऊ, 12 अगस्त (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा के खिलाड़ियों के वजन नियंत्रित रखने को खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ की जिम्मेदारी बताने वाले बयान की निंदा की है।

यादव ने कहा कि इस तरह के बयान खिलाड़ियों, उनके कोच और सहयोगी टीम का मनोबल तोड़ने वाले हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी हमला करते हुए कहा कि अगर राजनीतिक साजिश का ओलंपिक होता तो आज के शासक बिना खेले ही जीत जाते।

यादव ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘जिसके कंधों पर देश की ज़िम्मेदारी हो, कम-से-कम देश को उसकी ज़िम्मेदारी तो उठानी चाहिए। महान योद्धा विनेश फोगाट के बारे में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन का ये बयान निंदनीय है कि खिलाड़ी के वज़न और शरीर की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ उसके अपने कोच और सपोर्ट टीम की होती है। क्या ऐसा कहकर इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन कोच के साथ ही सपोर्ट टीम पर उँगली तो नहीं उठा रही है। ये लोग भी तो एसोसिएशन से संबद्ध होते हैं। ऐसे में ये सवाल भी उठ सकता है कि सपोर्ट टीम का चयन किसने किया। जनता पूछ रही है अगर ज़िम्मेदारी सिर्फ़ उन्हीं लोगों की थी तो फिर चीफ़ मेडिकल ऑफ़िसर को भेजने की औपचारिकता क्यों की गयी।’

उन्होंने कहा, ‘ऐसे बयान देश के खिलाड़ियों और उनके कोच व सपोर्ट टीम के मनोबल को तोड़नेवाले होते हैं और ख़ासतौर से उनके मनोबल को तो और भी ज़्यादा जिन्होंने सड़कों पर संघर्ष किया हो। इस बयान से की गयी नाइंसाफ़ी, देश की बेटी विनेश फोगाट के साथ पहले हुई नाइंसाफ़ी से कम नहीं है। देश सब देख भी रहा है और समझ भी रहा है।’

यादव ने आगे कहा, ‘सियासी साज़िश का अगर कोई ओलंपिक होगा तो आज के हुक्मरान बिना खेले जीते जाएँगे।’

विनेश फोगट के वजन मापने के विवाद के बारे में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने रविवार को स्पष्ट किया था कि वजन को नियंत्रित करना ‘एथलीट’ (खिलाड़ी) की जिम्मेदारी है और उसके मेडिकल दल, खासकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला पर हमला ‘अस्वीकार्य और निंदा के योग्य है।’

ऊषा ने एक बयान में कहा था, ‘कुश्ती, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी और जूडो जैसे खेलों में ‘एथलीट’ के वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी खुद ‘एथलीट’ और उसके कोच की होती है, न कि आईओए द्वारा नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की।’

भारत की 29 वर्षीय पहलवान विनेश फोगाट हाल ही में पेरिस ओलंपिक की कुश्ती स्पर्धा के 50 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला बनी थीं लेकिन फाइनल मुकाबले से पहले उनका वजन निर्धारित वजन से 100 ग्राम ज्यादा निकला था जिसके बाद उन्हें फाइनल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके साथ ही उनका पदक जीतने का सपना भी चकनाचूर हो गया था। इसके बाद उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया।

इस घटना के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। इस मामले को लेकर संसद में भी हंगामा हुआ था। इस प्रकरण में डॉक्टर पारदीवाला और उनकी टीम पर लापरवाही का आरोप लगागा गया।

भारतीय ओलंपिक संघ के पूर्व प्रमुख नरेंद्र बत्रा ने संकेत दिया कि विनेश के आहार का उनके अयोग्य ठहराए जाने में कुछ हाथ हो सकता है।

विनेश ने खुद को फाइनल के अयोग्य घोषित किए जाने के खिलाफ अपील की है जिस पर फैसला 13 अगस्त को आने की उम्मीद है।

भाषा सलीम आशीष अमित

अमित

 

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