लखनऊ, 28 अप्रैल (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि अगर सरकार पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में ‘जलबंदी’ करती है तो वह उसका पूरा समर्थन करेंगे।
साथ ही उन्होंने आगाह किया कि अगर वह पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) की बात करती है तो उसे चीन का मुकाबला करने के लिए भी तैयार चाहिए।
यहां एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यादव ने पहलगाम मुद्दे को “सबसे संवेदनशील” बताया और कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह ठोस कदम उठाएगी, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण ‘जलबंदी’ योजना हो सकती है।
उन्होंने कहा, “सरकार के ‘जलबंदी’ (पानी की नाकाबंदी) कदम को सपा पूरा समर्थन दे रही है।”
राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए यादव ने कहा, “मैंने यह कई बार कहा है और मैं दोहराता हूं – सीमाओं पर सेना की आवश्यकता है। जब भी आप पीओके का मुद्दा उठाते हैं, तो आपको चीन का मुकाबला करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।”
विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “कई विशेषज्ञों ने लिखा है कि यदि आप पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की ओर देखते हैं तो आपको चीन की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।”
पाकिस्तान पर ‘जलबंदी’ के असर के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि यह उनकी विशेषज्ञता से परे एक तकनीकी मामला है।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “नोटबंदी के दौरान दावा किया गया था कि भ्रष्टाचार और आतंकवाद खत्म हो जाएगा। इसी तरह, हमें उम्मीद है कि जलबंदी के बाद पाकिस्तान खत्म हो जाएगा।”
उन्होंने कहा, “हमें इस बारे में ज्यादा तकनीकी जानकारी नहीं है कि जरूरी बुनियादी ढांचे या जलाशयों के निर्माण में कितना समय लगेगा। केवल सरकार ही इसका स्पष्ट जवाब दे सकती है।”
सुरक्षा चूक के बारे में अपनी चिंता दोहराते हुए यादव ने सवाल किया, “आतंकवादी हमारे घरों तक कैसे पहुंचे? वे कैसे आए?”
उन्होंने शहीदों के परिवारों को 10-10 करोड़ रुपये देने और हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग दोहराई।
सरकार के दावों पर कटाक्ष करते हुए यादव ने कहा, “एक तरफ वे ‘विश्वगुरु’ बनने की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ वे एक घायल व्यक्ति को समय पर चिकित्सा सहायता भी सुनिश्चित नहीं कर पाते हैं।”
पाकिस्तान की हिरासत में एक भारतीय कर्मी के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा, “दबाव बनाने और उसकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनयिक माध्यमों का उपयोग किया जाना चाहिए।”
महापुरुषों पर टिप्पणी को लेकर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “लोगों की भावनाएं उनसे जुड़ी हैं। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।”
भाजपा के इतिहास पर यादव ने कहा, “अपने गठन के समय भाजपा ने भी भारत को धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी देश बनाने की चर्चा की थी। जो लोग (भाजपा) कभी समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता का समर्थन करते थे, वे आज सांप्रदायिक हो गए हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नींव ‘फूट डालो और राज करो’ की पुरानी ब्रिटिश नीति पर टिकी है। उन्होंने कहा, “भाजपा की पूरी राजनीति औपनिवेशिक काल से चली आ रही फूट डालो और राज करो के फॉर्मूले पर आधारित है।”
भाषा अभिनव आनन्द पारुल जोहेब
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