प्रार्थना सभा में राष्ट्रगान के तुरंत बाद वंदे मातरम गाने पर शिक्षक ने जताई आपत्ति, निलंबित

प्रार्थना सभा में राष्ट्रगान के तुरंत बाद वंदे मातरम गाने पर शिक्षक ने जताई आपत्ति, निलंबित

  •  
  • Publish Date - November 13, 2025 / 02:29 PM IST,
    Updated On - November 13, 2025 / 02:29 PM IST

अलीगढ़ ((उप्र), 13 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को बुधवार को निलंबित कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने सुबह की प्रार्थना सभा में राष्ट्रगान के तुरंत बाद वंदे मातरम गाने पर कथित तौर पर आपत्ति जताई थी। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) राकेश कुमार सिंह के अनुसार, यह घटना लोधा ब्लॉक के शाहपुर कुतुब स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुई। शिक्षक शमसुल हसन ने कथित तौर पर राष्ट्रगान के बाद वंदे मातरम गीत शुरू होने पर आपत्ति जताई।

सिंह ने कहा, ‘स्कूल प्रशासन ने तुरंत बीएसए कार्यालय को सूचित किया और एक लिखित शिकायत दर्ज कराई।’

उन्होंने आगे कहा, ‘शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने स्कूल का दौरा किया और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। जाँच में पता चला कि हसन ने बहस के दौरान सहकर्मियों के साथ ‘दुर्व्यवहार’ भी किया था।’

स्कूल की प्राचार्य सुषमा रानी ने अधिकारियों को बताया कि हसन ने दावा किया था कि वंदे मातरम गाना ‘उनके धर्म के सिद्धांतों के विरुद्ध’ है।

कई शिक्षकों ने इस बात की पुष्टि की कि हसन ने चिंता व्यक्त की थी कि कुछ मुस्लिम परिवार स्कूल में इस गीत के गाए जाने पर आपत्ति कर सकते हैं।

जांच के बाद, बीएसए ने हसन को आधिकारिक निर्देशों का कथित रूप से उल्लंघन करने और ‘धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने’ के आरोप में निलंबित करने का आदेश दिया।

अपने जवाब में, हसन ने सहकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने से इनकार किया, लेकिन नई प्रथा पर सवाल उठाने की पुष्टि की।

उन्होंने कहा, ‘चूंकि यह गीत पहली बार पेश किया जा रहा था, इसलिए मैंने केवल यह सुझाव दिया था कि स्कूल को इसे लागू करने से पहले उन परिवारों से परामर्श करना चाहिए जिन्हें इससे आपत्ति हो सकती है।’

शिक्षा विभाग ने मामले में आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है।

हाल के दिनों में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वंदे मातरम के गायन का पुरजोर बचाव करते हुए कहा है कि जो लोग राष्ट्रीय गीत का विरोध करते हैं, वे वास्तव में ‘भारत माता का विरोध’ कर रहे हैं।

सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता यात्रा के तहत हाल ही में आयोजित कार्यक्रमों को संबोधित करते हुये, योगी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वंदे मातरम धर्म, जाति और क्षेत्र से परे है और भारत माता के प्रति सामूहिक श्रद्धा का प्रतीक है।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा था कि यह गीत भारत की एकता और बलिदान का एक शाश्वत प्रतीक रहा है, जिसे राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों ने गाया है।

उन्होंने कहा था, ‘वंदे मातरम किसी भी पूजा पद्धति से बंधा नहीं है—यह हमारी मातृभूमि के प्रति एक श्रद्धांजलि है।’

उन्होंने नागरिकों से उन लोगों की पहचान करने का आग्रह किया जो सरकारी योजनाओं का लाभ तो उठाते हैं, लेकिन इसे गाने से इनकार करते हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में जल्द ही वंदे मातरम का गायन अनिवार्य कर दिया जाएगा, और कहा कि इससे युवाओं में देशभक्ति और गर्व की भावना जागृत होगी।

भाषा सं जफर मनीषा रंजन

रंजन