‘भूखा न सोए कोई-रोटी बैंक हरदोई’ नारे के साथ शुरू हुआ आंदोलन, अब 14 राज्यों में फैलकर कर रही ये काम
The movement started with the slogan 'Bhukha Na Soye Koi-Roti Bank Hardoi' has now spread to 14 states.
लखनऊ। लखनऊ रेलवे स्टेशन पर सात वर्ष पहले भीख मांगने वाली एक वृद्ध महिला को भरपेट खाना खिलाने के बाद हरदोई जिले के विक्रम पांडेय के मन में भूखों का पेट भरने का जो जज्बा पैदा हुआ, वह अब ‘इंडियन रोटी बैंक’ (आईआरबी) के रूप में एक आंदोलन की शक्ल ले चुका है। ‘भूखा न सोए कोई-रोटी बैंक हरदोई’ नारे के साथ पांडेय के शुरू किये गये इस सफर में लोग जुड़ते गए और अब तक देश के करीब 14 राज्यों में आईआरबी काम कर रहा है।
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आईआरबी के संस्थापक है विक्रम पांडेय
लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई करने वाले हरदोई के निवासी विक्रम पांडेय आईआरबी के संस्थापक हैं। बीते पांच फरवरी को आईआरबी ने अपना सातवां स्थापना दिवस मनाया। विक्रम पांडेय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि ”करीब सात वर्ष पहले रेलवे स्टेशन पर एक महिला मुझसे भीख में पैसे मांग रही थी, मैंने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया, लेकिन महिला ने कई बार अपने भूखे होने की दुहाई दी तो मैं उसे एक ठेले पर ले गया वहां उसने जल्दी-जल्दी छह-सात पूडि़यां खाईं। वह वाक़ई बहुत भूखी थी।”
6 फरवरी 2016 को हुई थी शुरुआत
पांडेय ने कहा “’उस दिन मैं दिल्ली जा रहा था और रास्ते भर उस महिला की भूख और असमर्थता के बारे में सोचता रहा। दिल्ली से वापसी के बाद मैंने अपने कुछ दोस्तों की मदद से छह फरवरी, 2016 को – ”भूखा न सोए कोई, रोटी बैंक हरदोई” नारे के साथ भूखों को खाना खिलाने की शुरुआत की।” यह इंडियन रोटी बैंक की स्थापना का दिन था। पांडेय ने बताया कि ”शुरुआत में कुछ स्थानीय अधिकारियों ने मेरा हौसला बढ़ाया और फिर मैं दोस्तों के सहयोग से भूखों को रोटी बांटने लगा। इस अभियान में लोग जुड़ते गये और कुछ ही समय बाद ”खाओ पियो रहो आबाद-रोटी बैंक फर्रुखाबाद” की शुरुआत की। इसके बाद जो सिलसिला शुरू हुआ वह लगातार जारी रहा।
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14 राज्यों में 100 से अधिक इकाइयां काम रही
आईआरबी संस्थापक ने कहा कि ”अब 14 राज्यों में 100 से अधिक जिलो में इंडियन रोटी बैंक की शाखाएं हैं और तक़रीबन 12 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराने में सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में आईआरबी के स्वयंसेवकों ने लोगों को रोटी पहुंचाने में तत्परता दिखाई और उसकी खूब सराहना हुई। पांडेय ने कहा कि ” मेरा सपना भारत के सभी जिलों में रोटी बैंक की एक यूनिट खोलने का है।” उन्होंने बताया, ”उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और दिल्ली समेत 14 राज्यों में हमारी 100 से अधिक इकाइयां काम रही हैं। सभी इकाइयों में उत्साही युवकों को आईआरबी समन्वयक जोड़ते हैं और हर इकाई के स्वयंसेवक सप्ताह में निर्धारित एक दिन अलग-अलग परिवारों से रोटी एकत्र करते हैं। किसी परिवार से 10 तो किसी परिवार से 75 रोटी भी मिल जाती है।”

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