अयोध्या में ‘राम’ को लाने वाले ही नहीं जीत पाए फैजाबाद सीट! सामने आयी BJP प्रत्याशी की हार की वजह

Reasons for BJP's defeat in Ayodhya: फैजाबाद सीट में ही अयोध्या नगरी आती है, जहां भगवान राम का भव्य राम मंदिर बनने के बाद माना जा रहा था कि ये सीट भाजपा के लिए बहुत आसान है, लेकिन चुनाव परिणामों में ये सीट सबसे चौंकाने वाली साबित हुई।

अयोध्या में ‘राम’ को लाने वाले ही नहीं जीत पाए फैजाबाद सीट! सामने आयी BJP प्रत्याशी की हार की वजह

Reasons for BJP's defeat in Ayodhya

Modified Date: June 5, 2024 / 11:42 am IST
Published Date: June 5, 2024 11:36 am IST

Reasons for BJP’s defeat in Ayodhya: अयोध्या: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी लल्लू सिंह चुनाव हार गए। यहां से कार सेवकों पर कथित गोलियां चलवाने वाली पार्टी सपा के अवधेश प्रसाद जीत गए। पूरे देश में लोगों को यह बात नही पच पा रही है, कि आखिर राम के राज्य यूपी और राम की नगरी अयोध्या में बीजेपी की इतनी बड़ी हार की वजह क्या है?

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तो हम आपको इस लेख में उन्हे तथ्यों से अवगत कराना चाहते हैं कि इस सीट पर अखिलेश यादव ने ऐसी बिसात बिछाई थी कि जिसकी काट बीजेपी निकाल न सकी। यूपी में भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा झटका लगा है, वो कई प्रमुख सीटों पर चुनाव हार गई। उनमें फैजाबाद सीट भी शामिल है।

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बता दें कि फैजाबाद सीट में ही अयोध्या नगरी आती है, जहां भगवान राम का भव्य राम मंदिर बनने के बाद माना जा रहा था कि ये सीट भाजपा के लिए बहुत आसान है, लेकिन चुनाव परिणामों में ये सीट सबसे चौंकाने वाली साबित हुई।

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पहले तो हम आपको बता दें कि सपा के अवधेश प्रसाद 54,567 वोटों से जीते हैं। उनको कुल 5,54,289 वोट मिले। यहां से लल्लू सिंह को 4,99,722 वोट हासिल हुए। तो आइए समझते हैं कि समाजवादी पार्टी ने भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली फैजाबाद सीट पर कैसे फतह हासिल की।

भाजपा की हार की तीन वजह

1- सामान्य सीट होने के बावजूद अखिलेश यादव ने अयोध्या सीट पर सबसे बड़ी दलित आबादी वाली पासी बिरादरी से अपने सबसे मजबूत पासी चेहरे को प्रत्याशी बना दिया। अवधेश पासी छह बार के विधायक मंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से रहे हैं। संख्या के लिहाज से अयोध्या की सबसे बड़ी जाति पासी बिरादरी ही है।

2- भाजपा ने यहां लल्लू सिंह को तीसरी बार मौका दिया, वो दो बार से लगातार यहां के सांसद हैं। ये वही लल्लू सिंह है जिन्होंने पूरे विपक्ष को संविधान बदलने का मुद्दा थमा दिया था। लल्लू सिंह ने ही कहा था कि मोदी सरकार को 400 सीट इसलिए चाहिए क्योंकि संविधान बदलना है।

3- फैजाबाद में सपा के दलित चेहरा उतारने से एक नारा चल पड़ा, ‘अयोध्या में न मथुरा न काशी, सिर्फ अवधेश पासी’। माना जा रहा है कि दलित उम्मीदवार के पीछे न सिर्फ दलित जातियां बल्कि कुर्मी जैसी ओबीसी जातियां भी गोलबंद हो गईं। जाहिर है कि जातिवाद का जंजाल यहां इस तरह फैला कि ‘राम मंदिर’ जैसा बड़ा काम भी छोटा पड़ गया।

फैजाबाद से जीत चुकीं है बड़ी पार्टियां

बता दें कि हिंदुत्व की राजनीति का केंद्र होने के बावजूद, यह शहर भाजपा का गढ़ नहीं रहा है, यहां से विभिन्न दलों के नेता चुनाव जीत चुके हैं। 1991 से यहां विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी का दबदबा रहा है, लेकिन फैजाबाद लोकसभा सीट पर उत्तर प्रदेश की तीनों बड़ी पार्टियां बीजेपी, एसपी और कांग्रेस अलग-अलग चुनावों में अपनी जीत दर्ज कर चुकी हैं।

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नहीं आई काम करोड़ों की विकास योजनाएं

अयोध्या में रामलला मंदिर के निर्माण के साथ करोड़ों की विकास योजनाओं को पूरा कराया गया। पिछले दिनों पीएम मोदी ने 15,700 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण किया था। अयोध्या में भव्य रेलवे स्टेशन का पुननिर्माण किया गया है। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्‌डा का विकास किया जा रहा है। अयोध्या रामलला मंदिर के साथ-साथ सड़कों से लेकर गलियों तक को दुरुस्त किया गया। लेकिन, यह सब अयोध्यावासियों को रास नहीं आया। अयोध्या में 2017 के बाद से हर साल दिवाली पर दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रकार के आयोजनों का भी प्रभाव नहीं दिखा।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com