इस शख्स ने अपनी बेगम की याद में बनवाया प्यार का महल, हूबहू दिखता है ताजमहल जैसा
85 year old retired clerk Faizal Hasan Qadri : बुलंदशहर – जैसे ही हम भारत के आगरा शहर का नाम सुनते हैं, सबसे पहले हमारे जहन में ताजमहल ही आता है। सफ़ेद संगमरमर से बना यह महल, असीम प्रेम की निशानी है। ताजमहल का निर्माण मुग़ल शासक शाहजहाँ ने करवाया था । यह दुनियां के सात अजूबों में से एक है। ताजमहल को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। यह विश्व धरोहर के रूप में पूरे विश्व द्वारा सराहे जाने वाला अतिउत्तम मानवीय कृतियों में से एक कहलाया गया। इस अतिउत्तम कृति के बारे में ऐसा माना जाता है कि शाहजहाँ ने इसका निर्माण करवाने के बाद अपने सभी कारीगरों के हाथ कटवा दिये, ताकि कोई और दूसरा इस ताजमहल जैसी कोई इमारत नहीं बना पाये।
85 year old retired clerk Faizal Hasan Qadri : उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में एक शख्स ने अपनी बेगम की याद में ताजमहल जैसा दिखने वाला एक प्यार का महल बनवाया है। इतना ही नहीं इस उस महल के अंदर बेगम का मकबरा भी है। इस शख्स का नाम 85 वर्षीय रिटायर क्लर्क फैजल हसन कादरी है। जो बुलंदशहर के कसेर कलां गांव में रहते है। कादरी बताते हैं कि 2012 में उन्होंने अपने घर के पास स्थित खेत में ताजमहल बनवाने की शुरुआत की थी। उन्होंने इस इमारत के निर्माण में स्थानीय राजमिस्त्रियों से काम कराया। ताजमहल की तस्वीर से प्रेरणा लेकर कादरी ने अपनी पत्नी तजुम्मली बेगम के मकबरे को शक्ल दी तो लोग इसे ताजमहल कहने लगे, लेकिन दो वर्ष बाद यानी 2014 में उनकी जिंदगीभर की गाढ़ी कमाई यानी 23 लाख रूपये खत्म हो गए।
85 year old retired clerk Faizal Hasan Qadri : फैजल हसन कादरी ने बताया कि वैसे तो यह पूरी तरह तैयार है, लेकिन अभी संगमरमर पत्थर का कार्य होना शेष है। इसमें करीब 10 लाख रूपये का खर्चा आएगा, लेकिन वे इसे पूरा करके ही रहेंगे। कादरी के मुताबिक अभी उन्हें 10 हजार रूपये प्रति माह पेंशन मिलती है। जिसमें से वे अपने घरेलू खर्चे के अलावा पूरी राशि महल के लिए ही जोड़ रहे हैं। उन्होंने अब तक कुल 74 हजार रूपये की राशि जुटा ली है। वे कहते हैं कि एक न एक दिन वे पूरी राशि जुटा लेंगे और अपने सपने को जरूर पूरा करेंगे। यह महल ताजनगरी आगरा से मात्र 130 किलोमीटर दूर बुलंदशहर के कसेर कलां गांव में स्थित है। इस महल की चर्चाऐं देश-प्रदेश से लेकर सात समंदर पार तक है। यहां भी ताजमहल की तरह विदेशी सैलानी और पत्रकार आते रहते हैं। इधर सैलानियों के आने से इस महल के दीदार को सहेजने के लिए यहां फोटोग्राफर्स की डिमांड भी बढ़ी है।
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