The Shia religious leader here made such an announcement

Who Is Muqtada Al-Sadr : यहां के शिया धर्मगुरु ने कर दिया ऐसा ऐलान, पूरे देश में भड़क गया दंगा, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर किया कब्जा

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : August 30, 2022/6:11 pm IST

demonstration in Iraq : बगदाद –  पिछले महिने श्रीलंका में जो हालात बने हुए थे, वैसे ही हालात अब इराक में बने हुए है। इराक में करीब 10 माह से सरकार नहीं है। ऐसे हालातों में इराक के शक्तिशाली शिया धर्मगुरू मुक्तदा अली-सदर ने भी राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है। इससे उनके समर्थक भड़क उठे। वो राष्ट्रपति के महल में घुस गए। उनके और ईरान समर्थक इराकियों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। गोलीबारी में 20 लोगों के मारे जाने की खबर है। इराक की राजधानी बगदाद में अराजकता का माहौल है। उग्र भीड़ ने श्रीलंका के घटनाक्रम की तरह इराक के राष्ट्रपति भवन और सरकारी भवनों पर कब्जा कर लिया। उन्हें खदेड़ने में सुरक्षा बल भी विफल रहे। भीड़ में शामिल अराजक तत्व राष्ट्रपति के महल में बने स्विमिंग पूल में धमाल मचाने लगे। ये लोग मुक्तदा अल-सदर के समर्थक बताए जा रहे हैं। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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कौन है मुक्तदा अल-सदर ?

demonstration in Iraq : मुक्तदा अल सदर एक शिया धर्मगुरु हैं। वह इराक में सबसे ताकतवर नेताओं में से एक हैं। अक्टूबर 2021 में हुए चुनाव में उनकी पार्टी सबसे बड़ी विजेता बनी। हालांकि, उन्हें सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत नहीं मिला है। सदर के पिता मोहम्मद सादिक और ससुर मोहम्मद बाकिर भी इराक के प्रभावशाली धर्मगुरु थे। दोनों को ही सद्दाम हुसैन ने मार डाला था। सदर की बात करें तो भले ही वह शिया हों, लेकिन ईरान के खिलाफ हैं। मुक्तदा अल-सदर ने सोमवार को एक ट्वीट करके राजनीति से संन्यास लेने और अपने पार्टी कार्यालयों को भी बंद करने का ऐलान किया था। शिया धर्मगुरू मुक्तदा अल-सदर के समर्थन में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच इराकी सेना ने सोमवार को चार बजे शाम से देशव्यापी कर्फ्यू की घोषणा कर दी है। मुक्तदा अल-सदर इराक के प्रभावशाली शिया धर्मगुरु हैं और राजनीतिक रुप से भी काफी सक्रिय हैं।

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20 लोग की मौत, 19 घायल

demonstration in Iraq : सोमवार को जैसे ही मुक्तदा अल-सदर ने राजनीति छोड़ने का एलान किया, उनके समर्थकों में गुस्सा फूट पड़ा। इसके बाद इनकी ईरान समर्थकों से भिड़ंत हो गई। बगदाद की सड़कों पर पथराव शुरू हो गया। इसके बाद कई जगहों पर गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी। जानकारी अनुसार अभी तक इस प्रदर्शन में 20 लोगों के मारे जाने की बात कही गई है। 19 लोग घायल हुए हैं। इराक में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जानकारी के लिए बता दूँ कि श्रीलंका में जबर्दस्त आर्थिक संकट के बाद पिछले माहों में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। उग्र भीड़ राष्ट्रपति भवन में घुस गई थी। संसद को बंधक बना लिया था। तत्कालीन राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को देश छोड़ने पर विवश होना पड़ा था।

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हो रहे प्रदर्शन में भारतीयों की हालत

demonstration in Iraq : इराक में चल रहे शिया धमगुरू के समर्थकों के प्रदर्शन के बीच वहां रह रहे सभी भारतीय सुरक्षित हैं। इराक में करीब 7 हजार भारतीय मौजूद हैं। इराक के कई जगहों से हिंसा की खबरें सामने आई हैं। राष्ट्रपति भवन में घुसपैठ हुई और सरकारी इमारतों पर हिंसकों ने कब्जा कर लिया। इस बीच इराकी प्रधानमंत्री अल खदीमी ने शांति की अपील की।  इससे पहले धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की बात कही थी। हालांकि, यहां सदर के इस्तीफे के बाद लोगों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

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