Muslim youth Kanwar Yatra: 1.5 क्विंटल वजनी कांवड़ लेकर यात्रा पर निकले दो मुस्लिम युवक, इस मंदिर में करेंगे जलाभिषेक, बोले- दोस्ती के आड़े नहीं आता मजहब

कांवड़ यात्रा पर निकले दो मुस्लिम युवक, इस मंदिर में करेंगे जलाभिषेक, Two Muslim youths set out on the Kanwar Yatra, will perform Jalabhishek in this temple

Muslim youth Kanwar Yatra: 1.5 क्विंटल वजनी कांवड़ लेकर यात्रा पर निकले दो मुस्लिम युवक, इस मंदिर में करेंगे जलाभिषेक, बोले- दोस्ती के आड़े नहीं आता मजहब

Muslim youth Kanwar Yatra. Image Source- IBC24

Modified Date: July 14, 2025 / 12:10 am IST
Published Date: July 13, 2025 9:30 pm IST
HIGHLIGHTS
  • मुस्लिम युवकों ने हिंदू दोस्तों संग 151 किलो वजनी कांवड़ उठाई
  • बोले- धर्म नहीं, इंसानियत और दोस्ती पहले
  • गंगा-जमुनी तहजीब का उदाहरण बनी यह यात्रा

फिरोजाबादः Muslim youth Kanwar Yatra भारत की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करते हुए आगरा निवासी दो मुस्लिम युवक अपने दोस्तों के साथ कांवड़ यात्रा पर निकले हैं। आगरा जिले की बाह तहसील के बिजौली गांव निवासी साजिद (26) और सन्नी खान (24) अपने 14 हिंदू दोस्तों के साथ पिछले सोमवार यानी सात जुलाई को कछलाघाट से बटेश्वर स्थित महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने निकले थे। वे शनिवार 12 जुलाई की रात फिरोजाबाद की शिकोहाबाद तहसील में स्टेशन मार्ग पर कांवड़ लेकर पहुंचे।

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Muslim youth Kanwar Yatra साजिद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इंसान पहले हैं, हिंदू या मुसलमान बाद में हैं। हमारे खून का रंग एक ही है। खुदा ने उसमें कोई फर्क नहीं किया। धर्म कभी दोस्ती में आड़े नहीं आता। चाहे कोई कुछ भी कहे।’’ सन्नी ने कहा, ‘‘हमारे दोस्त श्रावण मास में कांवड़ लेकर जलाभिषेक के लिये जा रहे थे। हमने सोचा कि हमारे दोस्त इतनी बड़ी तपस्या करने जा रहे हैं तो हम भी उनके साथ जाएंगे। हमें भी भोलेनाथ पर आस्था है। हमने अपने दोस्तों से बात की। उनकी रजामंदी के बाद हमने भी कांवड़ उठायी और उनके साथ निकल पड़े।’’

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उन्होंने बताया कि जिस कांवड़ को वे लेकर चले हैं वह 151 किलोग्राम की है। उसमें 125 किलोग्राम जल है जबकि कलश व कांवड़ का वजन 26 किलोग्राम है। बता दें कि श्रावण की शुरुआत 11 जुलाई को हुई। यह मास नौ अगस्त को संपन्न होगा। इस महीने में देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु कांवड़ लेकर मीलों पैदल चलते हैं और गंगा जल लेकर उसे विभिन्न शिवालयों पर चढ़ाते हैं।


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