उप्र : विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को फतेहपुर समेत अन्य मामलों पर बोलने के लिए आमंत्रित किया

उप्र : विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को फतेहपुर समेत अन्य मामलों पर बोलने के लिए आमंत्रित किया

उप्र : विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को फतेहपुर समेत अन्य मामलों पर बोलने के लिए आमंत्रित किया
Modified Date: August 12, 2025 / 10:14 pm IST
Published Date: August 12, 2025 10:14 pm IST

लखनऊ, 12 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने मंगलवार को सदन में विपक्षी सदस्यों से कहा कि ‘हमने नियम-56 के तहत आपकी सभी सूचनाएं स्वीकार की हैं और अगर आप जवाब चाहते हैं तो अपनी सीट पर बैठकर व्यवस्थित होइए, सरकार जवाब देने को तैयार है”।

लेकिन समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य फतेहपुर के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिलाध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न होने के मामले को लेकर अपनी जिद पर अड़े रहे और अध्यक्ष के आसन के सामने सरकार विरोधी नारे लगाते रहे।

दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के बाद से ही समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने फतेहपुर मकबरे के विवाद को लेकर पूरे दिन हंगामा किया और अध्यक्ष के आसन के सामने आकर सरकार विरोधी नारे लगाते रहे।

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इस बीच अध्यक्ष ने विधायी कार्य निपटाया और बार-बार सपा सदस्यों से अनुरोध करते रहे कि वे सीट पर जाएं, लेकिन सपा सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे।

महाना ने यह भी कहा कि सरकार ने फतेहपुर मामले पर जवाब दे दिया है, लेकिन आप लोग नियम-56 (सदन की कार्यवाही रोककर जनहित के विषय पर चर्चा) के तहत चर्चा कराना चाहते हैं तो सरकार जवाब देने को तैयार है।

सपा की सहयोगी कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ से भी अध्यक्ष ने विधेयकों के संशोधन प्रारूप पर बोलने के लिए अनुरोध किया, लेकिन उन्‍होंने भी सदन में पहले फतेहपुर मामले पर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने पर जोर दिया।

मोना ने कहा कि पूरे उप्र में जिस तरह का माहौल बन रहा है, वह ठीक नहीं है। उन्‍होंने कहा कि विषय यह है कि फतेहपुर की घटना में जो भाजपा के पदाधिकारी दोषी थे, उन्हें बचाने का प्रयास क्यों किया जा रहा है।

सुबह प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने इस मामले को सदन में उठाया तो जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने बताया था कि ”इस मामले में सरकार का किसी भी तरह से कोई संबंध नहीं है। हम इस बात का पूरी तरह से खंडन करते हैं।”

उन्‍होंने बताया कि फतेहपुर कोतवाली में 11 अगस्त की शाम को 10 लोगों के खिलाफ नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। खन्‍ना ने कहा कि जो भी कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा उसको न्यायिक प्रक्रिया के तहत दंड जरूर मिलेगा।

पांडेय को इस बात पर आपत्ति थी कि मामले में भाजपा फतेहपुर के जिला अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं हुई, जिन्‍होंने इस मामले की शुरुआत की।

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्थित एक मकबरे पर सोमवार को हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने घुसकर हंगामा किया और धार्मिक नारेबाजी की। हंगामा करने वालों का दावा था कि कई सदी पुराना नवाब अबू समद का मकबरा जहां स्थित है, वहां पहले कभी मंदिर हुआ करता था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी थी कि वह हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ 11 अगस्त को उस जगह पर पूजा-अर्चना करेंगे। उन्होंने दावा किया था कि सदियों पुराना यह ढांचा एक मंदिर है जिसमें एक ‘शिवलिंग’ है। इसके बाद 11 अगस्त को भीड़ पुलिस के अवरोधकों को तोड़कर वहां पहुंच गयी।

सपा सदस्य कमाल अख्‍तर ने फतेहपुर मकबरे के ऐतिहासिक संदर्भों को सदन में साझा करते हुए कहा कि पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षित कर रखा है और इस मामले में केवल 10 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई तो क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती कि जिसने विवाद शुरू किया, उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो।

माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि सरकार का एजेंडा प्रदेश में दंगा कराना है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा सरकार सदन नहीं चलाना चाहती है और दंगाइयों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज नहीं कर रही। उन्‍होंने कहा कि वे लोग इस मामले पर अंतिम सांस तक लड़ेंगे।

विधेयकों के पारित होने के बाद अध्यक्ष ने कार्यस्थगन के तहत बाढ़, बदहाल चिकित्सा, बदहाल बिजली व्यवस्था और फतेहपुर समेत कई अन्य मामलों को नियम-56 के तहत स्वीकार करते हुए सपा सदस्यों से बार बार व्यवस्थ्ति होने का अनुरोध किया लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहे और अध्यक्ष के आसन के सामने हंगामा करते रहे।

अंतत: अध्यक्ष ने सदन को बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

भाषा

आनन्‍द, रवि कांत रवि कांत


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