उप्र: बरेली हिंसा में मौलाना तौकीर रजा समेत 38 लोगों के खिलाफ एक और आरोप पत्र दाखिल
उप्र: बरेली हिंसा में मौलाना तौकीर रजा समेत 38 लोगों के खिलाफ एक और आरोप पत्र दाखिल
बरेली, 27 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर को हुए उपद्रव के मामले में पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में एक और आरोप पत्र दाखिल किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को दाखिल इस आरोप पत्र में उपद्रव के मुख्य आरोपी इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा समेत 38 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
आरोप पत्र के मुताबिक, बरेली में 26 सितंबर को हुई हिंसा के दौरान कुछ लोगों ने मौलाना तौकीर रजा खान के निर्देश पर पुलिस टीम पर हमला किया और ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए।
आरोप पत्र में बताया गया, आरोपियों में से एक नाबालिग है और दो आरोपी शाहजहांपुर के रहने वाले हैं।
पुलिस अधीक्षक (नगर) मानुष पारीख ने पत्रकारों को बताया, “शहर में हुई हिंसा से संबंधित 10 मामलों में पहले ही आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं।”
बारादरी थाने में दर्ज प्राथमिकी में तौकीर रजा खान के अलावा मोहम्मद आजम, फरहत खान, मोइन खान, उमेद, मुस्तकीम, अरवाज, नाजिम रजा खान, मोहसिन समेत 38 लोगों को नामजद किया गया।
पारीख ने बताया, “26 सितंबर को बारादरी, कोतवाली, प्रेम नगर, किला और कैंट थानों में कुल 10 प्राथमिकी दर्ज की गईं, जिनमें बाद में दो और मामले जोड़े गए।”
उन्होंने बताया कि अब तक 10 मुख्य मामलों में 100 से अधिक आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किये जा चुके हैं, जिनमें से 87 जेल में हैं और दो मामलों में जांच अभी जारी है।”
बरेली में हिंसा उस समय भड़क गयी थी, जब बारादरी थाने के निरीक्षक धनंजय पांडेय ने सूचना दी कि गश्त के दौरान शाहदाना रोड के पास पुलिस की एक टीम पर हमला हुआ।
मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर भीड़ ने ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए और इस्लामिया मैदान की ओर मार्च करने की कोशिश की।
पारीख ने बताया, “पुलिसकर्मी अतिरिक्त बल के साथ श्यामतगंज पुल पहुंचे, जहां नामजद आरोपियों सहित लगभग 200-250 लोगों ने पुलिस टीम पर कथित रूप से फिर से हमला किया।”
निरीक्षक संजय धीर के नेतृत्व में अपराध शाखा ने मामले की जांच की, जिसके परिणामस्वरूप यह आरोप पत्र दाखिल किया गया।
उन्होंने कहा, “जांच के दौरान नौ अन्य नामों की पहचान की गई और उन्हें आरोपपत्र में शामिल किया गया है।”
भाषा सं आनन्द जितेंद्र योगेश
जितेंद्र

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