उत्तर प्रदेश: कांवड़ यात्रा के लिए चार जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गयी

उत्तर प्रदेश: कांवड़ यात्रा के लिए चार जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गयी

उत्तर प्रदेश: कांवड़ यात्रा के लिए चार जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गयी
Modified Date: June 30, 2025 / 06:02 pm IST
Published Date: June 30, 2025 6:02 pm IST

मेरठ, 30 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने सावन महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न कराने के उद्देश्य से चार जिलों में सुरक्षा-व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

जिन चार जिलों में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी की गयी है, उनमें मेरठ, बुलन्दशहर, बागपत और हापुड़ जिले शामिल हैं।

अधिकारियों के अनुसार, लगभग 540 किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग पर कुल 119 अवरोधक लगाए जाएंगे, जिसमें मेरठ व बुलन्दशहर में 25-25, बागपत में 51 और हापुड़ में 18 अवरोधक शामिल हैं।

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उन्होंने बताया कि कांवड़ मार्ग को 57 जोन और 155 सेक्टर में विभाजित किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि मार्ग पर 19 अपर पुलिस अधीक्षक, 54 क्षेत्राधिकारी, 265 निरीक्षक, 1823 उपनिरीक्षक, 2574 मुख्य आरक्षी, 2860 आरक्षी और 1166 महिला पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि यातायात व्यवस्था के लिए 12 निरीक्षक, 117 उपनिरीक्षक, 175 मुख्य आरक्षी एवं 394 आरक्षी तैनात किए गए हैं।

इसके अलावा प्रादेशिक सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) की 20 और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की पांच कंपनियां भी लगाई जाएंगी।

अधिकारियों के मुताबिक, कांवड़ यात्रियों की सुविधा के लिए मार्ग के निकट 184 विश्राम स्थल और कुल 838 शिविर स्थापित किए जाएंगे, जिनमें मेरठ में 464, बुलन्दशहर में 176, बागपत में 90 तथा हापुड़ में 108 शिविर प्रस्तावित हैं।

उन्होंने बताया कि कांवड़ मार्ग पर 184 मिश्रित आबादी क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि पुरा महादेव (बागपत), औघड़नाथ (मेरठ), ब्रजघाट (हापुड़), अंबकेश्वर महादेव (बुलन्दशहर) और सबली मंदिर (हापुड़) जैसे प्रमुख मंदिर स्थलों पर भारी भीड़ के दृष्टिगत विशेष प्रबन्ध किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान यातायात को नियंत्रित करने के लिए भारी व हल्के वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने आकस्मिक घटनाओं के मद्देनजर एक योजना तैयार की है और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय गोताखोरों को सतर्क कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि रेंज और जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं, जहां से ड्रोन व सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जाएगी।

पुलिस महानिरीक्षक (मेरठ रेंज) कलानिधि नैथानी ने बताया कि सोशल मीडिया निगरानी प्रकोष्ठ को सक्रिय किया गया है और किसी भी भ्रामक या आपत्तिजनक पोस्ट पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने निर्देश दिए कि महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस बल की विशेष तैनाती की जाए और खोया-पाया केंद्रों की स्थापना भी सुनिश्चित की जाए। भाषा सं जफर जितेंद्र

जितेंद्र


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