वाराणसी में पुलिस-अधिवक्ता गतिरोध सुलझाने के लिये विवाद की मजिस्ट्रेट से जांच कराने का फैसला
वाराणसी में पुलिस-अधिवक्ता गतिरोध सुलझाने के लिये विवाद की मजिस्ट्रेट से जांच कराने का फैसला
वाराणसी (उप्र), 21 सितंबर (भाषा) वाराणसी में पुलिस के कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ वकीलों के चार दिवसीय प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन ने विवाद को सुलझाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच का फैसला किया है।
यह निर्णय रविवार शाम सेंट्रल बार और बनारस बार एसोसिएशन के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया।
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के कैंप कार्यालय में आयोजित इस बैठक में 11 वकीलों की एक समिति, मंडलायुक्त एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और अन्य वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।
सेंट्रल बार के अध्यक्ष मंगलेश दुबे के अनुसार यह निर्णय लिया गया कि पूरे विवाद की मजिस्ट्रेट से जांच करायी जाएगी और समझौते की एक प्रमुख शर्त यह है कि जांच के दौरान किसी भी पक्ष की ओर से कोई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।
पुलिस आयुक्त अग्रवाल ने कहा कि भविष्य में इसी तरह के विवादों को रोकने के लिये वकीलों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मासिक बैठक आयोजित की जाएगी ताकि वकीलों की चिंताओं का सीधे समाधान किया जा सके।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस पहल से दोनों पक्षों के बीच समन्वय बेहतर होगा और भविष्य में टकराव की ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।
वाराणसी के भेलूपुर इलाके में पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ता शिव प्रताप सिंह पर पिछले हफ्ते कथित रूप से हमला किया था। उसके बाद बुधवार को वकीलों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
पुलिस का दावा है कि वकीलों के एक समूह ने मंगलवार को एक अदालत के परिसर में दारोगा मिथिलेश कुमार प्रजापति पर हमला किया था। इस मामले में 10 नामजद और 50 से अधिक अज्ञात वकीलों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
इस कार्रवाई पर वकीलों ने अपर पुलिस उपायुक्त नीतू और कैंट थाना प्रभारी शिवकांत मिश्रा पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए न्यायिक कार्य का बहिष्कार शुरू कर दिया था।
भाषा सं. सलीम नोमान
नोमान

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