संभल रिपोर्ट के बाद भाजपा और सपा के बीच जुबानी जंग तेज
संभल रिपोर्ट के बाद भाजपा और सपा के बीच जुबानी जंग तेज
लखनऊ/ संभल, 29 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले वर्ष नवंबर माह में हुए दंगे की जांच करने वाले न्यायिक आयोग की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपे जाने के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।
संभल में पिछले साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिये गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी।
सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि संभल में आजादी के बाद सुनियोजित दंगों के कारण पलायन से हिंदुओं की आबादी 45 प्रतिशत से घटकर 15 प्रतिशत हो गई वहीं मुस्लिम आबादी बढ़कर 85 फीसदी हो गई।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि ”प्रदेश में भाजपाइयों और उनके साथियों द्वारा ‘पलायन का प्रोपेगंडा’ फैलाना नौ साल पुरानी भाजपा सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है।”
वहीं प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने सवाल उठाया कि संभल में हिंदू आबादी कम कैसे हो गयी?
सपा प्रमुख यादव ने ”एक्स’ पर एक लंबे पोस्ट में कहा कि ”प्रदेश में भाजपाइयों और उनके साथियों द्वारा ‘पलायन का प्रोपेगंडा’ फैलाना दरअसल नौ साल पुरानी भाजपा सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है।”
यादव ने कहा, ”मानसिक स्तर पर इसका मतलब यह हुआ कि भाजपा सरकार लोगों में विश्वास नहीं जगा पायी। सामाजिक स्तर पर इसका मतलब यह हुआ कि भाजपा सरकार अपनी नफ़रत की साम्प्रदायिक राजनीति की वजह से समाज में सौहार्द नहीं ला पायी। आर्थिक स्तर पर इसका मतलब यह हुआ कि भाजपा सरकार लोगों को रोजगार नहीं दे पायी…।”
सपा प्रमुख ने कहा ”सच तो यह है पलायन संबंधी झूठ फैलाने वाले न तो प्रदेश के हितैषी हैं और न ही प्रदेशवासियों के। भाजपा द्वारा ऐसे मिथ्या प्रचार से राज्य की छवि को गहरी ठेस पहुंचती है और निवेशक नहीं आते हैं।”
उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने संभल में कथित जनसांख्यिकीय बदलाव के कारणों पर सवाल उठाए। उन्होंने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में सवाल उठाया, ‘जांच के आधार पर…हिंदू आबादी 45 प्रतिशत थी और अब 15 प्रतिशत है तो 30 फीसदी हिंदू कहां गए? क्या वे पलायन कर गए? क्या उन्होंने धर्म परिवर्तन किया? या उन्हें मार दिया गया?’’
हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता गोपाल शर्मा ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट का अध्ययन नहीं किया है, लेकिन उन्हें आयोग की निष्पक्षता पर भरोसा है।
वहीं शाही जामा मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता शकील अहमद वारसी ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट नहीं देखी है और इसकी समीक्षा के बाद ही कोई टिप्पणी करेंगे। उन्होंने जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के बारे में रिपोर्ट के दावों को खारिज कर दिया। वारसी ने कहा, ‘ऐसा कुछ नहीं है। जनसंख्या बढ़ती और घटती रहती है।’
शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष ज़फ़र अली ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की।
भाषा सं आनन्द नरेश अविनाश
अविनाश

Facebook



