उप्र को बाल श्रम मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाएं

उप्र को बाल श्रम मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाएं

उप्र को बाल श्रम मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाएं
Modified Date: July 31, 2025 / 04:35 pm IST
Published Date: July 31, 2025 4:35 pm IST

लखनऊ, 31 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त कराने के लिए व्यापक और चरणबद्ध रणनीति तैयार की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रम विभाग द्वारा तैयार इस कार्ययोजना के केंद्र में महिला एवं बाल विकास विभाग को रखा गया है, जो न केवल संकटग्रस्त बच्चों की पहचान और सहायता करेगा, बल्कि पुनर्वासन के हर स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

एक बयान के मुताबिक सरकार का लक्ष्य है कि दिसंबर 2026 तक प्रदेश के आठ जनपदों बहराइच, बलरामपुर, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और सोनभद्र को बाल श्रम से मुक्त कर दिया जाएगा।

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बयान के अनुसार इसके अलावा कानपुर मंडल और देवीपाटन मंडल में भी विशेष बाल श्रम विरोधी अभियान चलाया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत वन स्टॉप सेंटर, बाल सेवा योजना और स्पॉन्सरशिप योजना जैसी योजनाओं को बाल श्रमिकों के पुनर्वास में प्रभावी रूप से उपयोग में लाया जाएगा।

बयान के अनुसार वन स्टॉप सेंटर अब न केवल संकट में फंसे बच्चों को अस्थायी आश्रय देंगे, बल्कि उनकी पहचान, स्वास्थ्य जांच, परामर्श और समाज में पुनर्स्थापन की भी व्यवस्था करेंगे।

‘बाल सेवा योजना’ के तहत अनाथ और संकटग्रस्त बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनकी शिक्षा और पालन-पोषण बाधित न हो।

इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार पात्र बच्चों को हर महीने 2500 रुपयेदेती है।

भाषा जफर जोहेब

जोहेब


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