गोरखपुर में योगी आदित्‍यनाथ ने रुद्राभिषेक कर कलश यात्रा की शुरुआत की

गोरखपुर में योगी आदित्‍यनाथ ने रुद्राभिषेक कर कलश यात्रा की शुरुआत की

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  • Publish Date - May 15, 2023 / 01:48 PM IST,
    Updated On - May 15, 2023 / 01:48 PM IST

(फोटो के साथ)

गोरखपुर/लखनऊ (उप्र), 15 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में सोमवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर में बने नौ देवी-देवताओं के नवीन मंदिरों में विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में धार्मिक अनुष्ठानों के द्वितीय चरण की शुरुआत हुई। लखनऊ में सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।

बयान के अनुसार, सोमवार सुबह गोरखपुर के मानसरोवर मंदिर पहुंचे योगी ने भगवान भोलेनाथ का दर्शन-पूजन किया और शिव जी को प्रिय बिल्वपत्र, दूर्वा समेत अनेक सामग्री का अर्पण करते हुए वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्ण किया।

रुद्राभिषेक के बाद वह जलाशय पर पहुंचे जहां बड़ी संख्या में साधु-संत महिला-पुरुष श्रद्धालु, वेदपाठी विद्यार्थी, आचार्य गण, यजमान आदि पहले से उपस्थित थे। यहां मुख्यमंत्री ने सरोवर पूजन कर पांच कन्याओं को जल से भरा कलश सौंपकर कलश व रथ यात्रा की शुरुआत की। इसके बाद यह यात्रा गोरखनाथ मंदिर के लिए चल पड़ी।

यह कलश यात्रा 21 मई तक होने वाले श्रीमद्भागवत पुराण कथा ज्ञान यज्ञ एवं श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के लिए निकाली गई। इस अवसर पर रथ पर विराजित सभी नौ नवीन देव विग्रहों की रथयात्रा भी निकाली गई। यात्रा के गोरखनाथ मंदिर पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने यज्ञशाला में कलश स्थापना की और पंचांग पूजन किया।

शोभायात्रा में सबसे आगे शंख बजाते हुए वेदपाठी विद्यार्थी देव विग्रहों की अगवानी करते हुए चल रहे थे, जिनकी प्राण प्रतिष्ठा आगामी 21 मई को गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के हाथों होनी है।

कलश एवं रथयात्रा का समापन गोरखनाथ मंदिर परिसर में नवीन मंदिरों के समक्ष स्थित यज्ञशाला पर हुआ। यहां सभी के कलश यज्ञशाला में कतारबद्ध तरीके से रखवाए गए। इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने यज्ञशाला में वेदी पर कलश पूजन तथा पंचांग पूजन कर श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के अंतर्गत होने वाले धार्मिक अनुष्ठान को आगे बढ़ाया। यज्ञशाला में 21 मई तक प्रतिदिन प्रातः आठ बजे से 12 बजे तक तथा अपराह्न दो बजे से पांच बजे तक अलग अलग धार्मिक अनुष्ठान होंगे।

भाषा आनन्द मनीषा सुरभि

सुरभि