सरकार विधानमंडल की कार्यवाही में चर्चा-परिचर्चा के लिए तैयार : योगी आदित्यनाथ

सरकार विधानमंडल की कार्यवाही में चर्चा-परिचर्चा के लिए तैयार : योगी आदित्यनाथ

  •  
  • Publish Date - November 28, 2023 / 12:59 PM IST,
    Updated On - November 28, 2023 / 12:59 PM IST

( तस्वीर सहित )

लखनऊ, 28 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार से शुरू हुए शीतकालीन सत्र के सुचारू संचालन के लिए विपक्षी दलों सहित उप्र विधानसभा के सभी सदस्यों से सहयोग मांगा और कहा कि सरकार विधानमंडल की कार्यवाही में चर्चा-परिचर्चा के लिए तैयार है।

शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले यहां विधान भवन के पोर्टिको में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा ”प्रदेश के समग्र विकास, लोक कल्याण, जनहित से जुड़े मुद्दे एवं जनसमस्याओं के समाधान के लिए हम विधानमंडल की कार्यवाही में चर्चा-परिचर्चा के लिए तैयार हैं। इसके लिए सभी दलों के सदस्यों से सार्थक चर्चा का आह्वान किया गया है। साथ ही सरकार सभी दलों के सदस्यों के सवालों के जवाब देने के लिए पूरी तरह से तत्पर है।”

उन्होंने कहा ”सदन का सुचारू संचालन और इसकी गरिमा सुनिश्चित करना विपक्ष की भी उतनी ही जिम्मेदारी है जितनी कि सत्ता पक्ष की।”

योगी ने कहा कि उप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट के साथ-साथ अन्य विधायी मुद्दे भी उठाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा ”सदन आम जनमानस से जुड़ी समस्याओं को रखने एवं इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का महत्वपूर्ण मंच है। मुझे पूरा विश्वास है कि सभी सदस्य आम जनमानस की भावनाओं को ध्यान में रख कर सदन को स्वस्थ चर्चा-परिचर्चा का केंद्र बनाएंगे। साथ ही सार्थक चर्चा के माध्यम से विधायिका को और मजबूत करने का कार्य करेंगे।”

उन्होंने कहा ”इस सत्र में अनुपूरक बजट के साथ विधायिका के लंबित कार्य पूरे होंगे। पिछले साढ़े छह वर्षों में विधान मंडल ने गरिमापूर्ण तरीके से संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करते हुए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा-परिचर्चा को आगे बढ़ाने में नई सफलता प्राप्त की है, जो लोकतंत्र की सच्ची भावनाओं के प्रतिनिधित्व को दर्शाता है।”

योगी ने कहा ”यह लोगों के बीच कौतूहल और आश्चर्य का विषय है। मेरी विशेष रूप से विपक्षी दलों के सदस्यों से अपील है कि सदन की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष की भी है। ऐसे में हम सभी सदन की गरिमा को बनाए रखने में अपना योगदान दें।”

भाषा आनन्द

मनीषा

मनीषा