पाकिस्तान में अब भी रह रहे हैं 20 लाख अफगान शरणार्थी: यूएनएचसीआर

पाकिस्तान में अब भी रह रहे हैं 20 लाख अफगान शरणार्थी: यूएनएचसीआर

पाकिस्तान में अब भी रह रहे हैं 20 लाख अफगान शरणार्थी: यूएनएचसीआर
Modified Date: December 26, 2025 / 05:11 pm IST
Published Date: December 26, 2025 5:11 pm IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 26 दिसंबर (भाषा) पाकिस्तान से वर्ष 2025 में 10 लाख से अधिक लोगों के स्वदेश लौटने के बावजूद वहां अब भी 20 लाख से ज्यादा अफगान शरणार्थी रह रहे हैं। ‘डॉन’ समाचार पत्र ने संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) के आंकड़ों के हवाले से यह रिपोर्ट दी है।

‘डॉन’ समाचार पत्र ने एजेंसी के आंकड़ों के हवाले से बताया कि केवल नवंबर महीने में ही 1,71,055 अफगान नागरिक अपने देश लौटे, जिनमें से 37,899 को चमन, तोरखम और बाराबचा सीमाओं के जरिये निर्वासित किया गया।

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इसी महीने यूएनएचसीआर के प्रत्यावर्तन केंद्रों के माध्यम से 31,500 से अधिक ‘प्रूफ ऑफ रजिस्ट्रेशन’ (पीओआर) कार्डधारकों को भी अफगानिस्तान भेजा गया।

नवंबर में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर बढ़े तनाव के कारण मानवीय सहायता कार्यों में बाधा आई और सीमा पार आवाजाही प्रतिबंधित रही। इसके चलते संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों को चमन सीमा क्षेत्र से अस्थायी रूप से हटना पड़ा।

खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में ‘अवैध विदेशी प्रत्यावर्तन योजना’ (आईएफआरपी) के तीसरे चरण के कड़े कार्यान्वयन के बावजूद, यूएनएचसीआर और उसके सहयोगियों ने आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित कीं। इनमें महिलाओं, लड़कियों और बच्चों के लिए सुरक्षित स्थानों की बहाली के साथ-साथ कानूनी और मानसिक स्वास्थ्य सहायता जारी रखना शामिल है।

पाकिस्तान सरकार ने सितंबर 2023 में आईएफआरपी योजना शुरू की थी, जिसके बाद बड़े पैमाने पर अफगानों की वापसी शुरू हुई।

योजना के पहले (सितंबर 2023) और दूसरे (अप्रैल 2025) चरण में बिना दस्तावेजों वाले अफगानों और ‘अफगान नागरिकता कार्ड’ धारकों को लक्षित किया गया था।

जुलाई 2025 तक इन चरणों के तहत शहरी क्षेत्रों और शरणार्थी गांवों से 11 लाख से अधिक अफगान वापस जा चुके थे।

सितंबर 2025 में शुरू हुए तीसरे चरण में अब तक करीब 1.66 लाख ‘पीओआर’ कार्डधारक लौटे हैं। योजना की शुरुआत से अब तक कुल 18.2 लाख से अधिक अफगान स्वदेश लौट चुके हैं। इस वर्ष नवंबर के दौरान कुल 1,71,055 अफगान स्वदेश लौटे, जिनमें आधिकारिक तौर पर दर्ज किए गए 37,899 निर्वासन के मामले भी शामिल हैं।

सरकार ने खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और पंजाब प्रांतों के सभी 54 शरणार्थी गांवों की आधिकारिक मान्यता रद्द कर दी है और वह लगातार अफगानों से अपने देश लौटने का आग्रह कर रही है।

इस बीच, यूएनएचसीआर सरकार से विश्वविद्यालयों में नामांकित छात्रों को इस योजना से छूट देने की वकालत कर रहा है। हालांकि अभी तक छात्रों के लिए कोई औपचारिक नीति जारी नहीं हुई है, लेकिन वर्तमान में विश्वविद्यालय के छात्रों को इस प्रक्रिया से छूट दी जा रही है।

भाषा सुमित सुरेश

सुरेश


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