एमी कॉनी बैरट ने उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति पद की शपथ ली

एमी कॉनी बैरट ने उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति पद की शपथ ली

एमी कॉनी बैरट ने उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति पद की शपथ ली
Modified Date: November 29, 2022 / 07:51 pm IST
Published Date: October 27, 2020 11:27 am IST

(ललित के. झा)

वाशिंगटन, 27 अक्टूबर (भाषा) एमी कॉनी बैरट ने सोमवार रात उच्चतम न्यायालय के 115वें न्यायमूर्ति के तौर पर शपथ ली।

इससे पहले सीनेट ने उनकी उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति पद पर नियुक्ति की पुष्टि की थी। राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए इसे एक बड़ी जीत माना जा रहा है।

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रिपब्लिकन बहुमत वाले सीनेट ने बंटी हुई राय में 48 के मुकाबले 52 वोट देकर बैरट के नाम की पुष्टि की ।

न्यायमूर्ति क्लैरेंस थॉमस ने व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में एक समारोह में धार्मिक रुढ़िवादी बैरट (48) को संवैधानिक शपथ दिलाई। ट्रंप भी इस दौरान वहां मौजूद थे।

शपथ लेने के बाद बैरट ने कहा, ‘‘ मुझे आज यहां खडे़ होकर बेहद सम्मानित महसूस हो रहा है।’’

वहीं ट्रंप ने कहा, ‘‘ अमेरिका, अमेरिका के संविधान और निष्पक्ष एवं तटस्थ कानून के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है।’’

उन्हें नामित किये जाने के बारे में ट्रंप ने कहा, “वह हमारे देश के सबसे शानदार विधि विशेषज्ञों में से एक हैं और वह देश की सर्वोच्च अदालत के लिये उत्कृष्ट न्यायाधीश होंगी।”

सुप्रीम कोर्ट के नौ न्यायाधीशों में से ट्रंप अब तक तीन को नामित कर चुके हैं। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश की नियुक्ति आजीवन के लिये होती है और उनकी सेवानिवृत्ति की कोई उम्र नहीं होती।

बैरट के दशकों तक अदालत में सेवारत रहने की उम्मीद है और वह सुप्रीम कोर्ट में कंजरवेटिव को 6-3 का बहुमत देंगी जो उसके पहले के स्वरूप से अलग है और इसके अदालत के सामने आने वाले कई मुद्दों पर नाटकीय निहितार्थ हो सकते हैं, जिनमें अफोर्डेबल केयर एक्ट और 2020 के चुनावों के संदर्भ में कोई संभावित विवाद भी शामिल होगा।

डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने सीनेट के बैरट के नाम की पुष्टि करने पर निशाना साधते हुए कहा कि नए न्यायाधीश का चयन तीन नवम्बर को चुनाव जीतने के बाद विजेता द्वारा किया जाना चाहिए था।

न्यायाधीश बैरट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि वह सीनेट द्वारा उन पर जताए गए भरोसे को लेकर शुक्रगुजार हैं और अमेरिकी लोगों को वचन देते हुए कहा कि वह अपने दायित्वों का निर्वहन अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं में करेंगी।

न्यायाधीश रूथ बदर गिन्सबर्ग के सितम्बर में निधन के बाद यह पद खाली हुआ था।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश


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