बैंकॉक, 11 दिसंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने एशिया में खाद्य सुरक्षा के अपने नवीनतम आकलन में कहा है कि क्षेत्र में भूख एक पुरानी समस्या बनी हुई है जहां कोविड-19 महामारी के पूर्व की तुलना में 2022 में 5.5 करोड़ से अधिक लोग कुपोषित थे।
एफएओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्याप्त भोजन से वंचित अधिकांश लोग दक्षिण एशिया में हैं और महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम भोजन मिल रहा है।द
एफएओ का अध्ययन खाद्य आपूर्ति, उपभोग और आहार ऊर्जा आवश्यकताओं पर केंद्रित है। इस क्षेत्र में ऐसे अल्पपोषण से प्रभावित लोगों की हिस्सेदारी 2022 में उससे एक साल पहले के 8.8 प्रतिशत से गिरकर 8.4 प्रतिशत हो गई। हालांकि, यह महामारी शुरू होने से पहले कुपोषित लोगों के 7.3 प्रतिशत से अधिक है, जब कुछ अर्थव्यवस्थाएं खस्ताहाल हो गईं और लाखों लोगों की आजीविका छिन गई।
प्राकृतिक आपदाओं और खाद्य आपूर्ति में व्यवधान, जो अक्सर जलवायु परिवर्तन से जुड़े होते हैं, ने उन दबावों को बढ़ा दिया है।
एफएओ के आंकड़ों से पता चलता है कि इस क्षेत्र में लोगों को मध्यम खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है, भोजन प्राप्त करने की उनकी क्षमता अनिश्चित है और पैसे की कमी के कारण कभी-कभी कम या खराब भोजन करना पड़ता है । ऐसे लोगों की संख्या दुनिया में 30 प्रतिशत के करीब है और एशिया- प्रशांत क्षेत्र में यह आंकड़ा 25 प्रतिशत से ऊपर है।
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अफ्रीका में ‘‘अभूतपूर्व खाद्य संकट’’ के कारण हर चार में से कम से कम तीन अफ़्रीकी स्वस्थ आहार नहीं ले सकते।
दुनिया भर में पोषित 73.5 करोड़ लोगों में से आधे से अधिक लोग एशिया-प्रशांत में रहते हैं, उनमें से अधिकांश दक्षिण एशिया में हैं। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया में कुपोषित लोगों की सबसे बड़ी क्षेत्रीय हिस्सेदारी लगभग 45 प्रतिशत है, इसके बाद अफगानिस्तान में 30 प्रतिशत है।
विश्व में अल्पपोषण का औसत 9.2 प्रतिशत है, जबकि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को छोड़कर, ओशिनिया के प्रशांत द्वीपों में यह लगभग 21 प्रतिशत या पांच में से एक व्यक्ति से अधिक था। रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिणी एशिया में लगभग 16 प्रतिशत लोग अल्पपोषित हैं।
एपी आशीष नरेश
नरेश