पाक सरकार से बातचीत के बाद प्रतिबंधित इस्लामी कट्टरपंथी पार्टी ने 11 पुलिसकर्मियों को छोड़ा

पाक सरकार से बातचीत के बाद प्रतिबंधित इस्लामी कट्टरपंथी पार्टी ने 11 पुलिसकर्मियों को छोड़ा

पाक सरकार से बातचीत के बाद प्रतिबंधित इस्लामी कट्टरपंथी पार्टी ने 11 पुलिसकर्मियों को छोड़ा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:16 pm IST
Published Date: April 19, 2021 12:49 pm IST

लाहौर, 19 अप्रैल (भाषा) प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान ने सोमवार को इमरान खान सरकार के साथ पहले दौर की बातचीत के बाद 11 पुलिसकर्मियों को रिहा कर दिया।

इन पुलिसकर्मियों को समूह ने लाहौर में सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़प के बीच रविवार को बंधक बनाया था। फ्रांस में पिछले साल प्रकाशित एक कार्टून को ईशनिंदा का उदाहरण बताते हुए फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने की अपनी मांग पर दबाव बनाने के प्रयास के तहत, प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान ने 11 पुलिस कर्मियों को बंधक बनाया था।

इमरान खान की पाकिस्तान तहरक ए इन्साफ सरकार ने पिछले सप्ताह तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान पर आतंकवाद रोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगाते हुए उसके नेतृत्व के बैंक खातों पर रोक लगा दी थी। तब इमरान सरकार ने इस आतंकी समूह के साथ कोई बातचीत न करने का ऐलान किया था।

 ⁠

बहरहाल, रविवार को लाहौर में सुरक्षा एजेंसियों की इस समूह के सदस्यों के साथ झड़प हुई और समूह ने 11 पुलिसकर्मियों तथा रेंजरों को बंधक बना लिया।

इसके बाद सोमवार को सरकार ने इस समूह के साथ बातचीत की।

कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी अपने नेता साद रिजवी की गिरफ्तारी का भी विरोध कर रही है और प्रधानमंत्री इमरान खान पर रिजवी को तुरंत रिहा करने का दबाव बना रही है।

शुरुआत में पुलिस ने बताया था कि प्रदर्शन कर रहे समूह ने पांच पुलिसकर्मियों को बंधक बनाया है।

बाद में एक वीडियो संदेश में गृहमंत्री शेख रशीद ने कहा कि रिजवी के समर्थकों ने 11 पुलिसकर्मियों को बंधक बनाया है।

उन्होंने बताया कि सरकार के साथ पहले दौर की वार्ता सफल होने के बाद पुलिसकर्मियों को छोड़ा गया है। मंत्रालय ने एक तस्वीर जारी की है जिसमें दिख रहा है कि पुलिसकर्मियों को प्रताड़ित किया गया है।

रशीद ने बताया कि टीएलपी के साथ पहले दौर की बातचीत अच्छी रही और शाम को दूसरा दौर होगा।

मंत्री ने उम्मीद जताई कि दूसरे दौर की बातचीत में अन्य मुद्दों को भी सुलझा लिया जाएगा।

भाषा मनीषा माधव

माधव


लेखक के बारे में