बाइडन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड सहयोगियों के साथ जल्द भागीदारी को इच्छुक

बाइडन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड सहयोगियों के साथ जल्द भागीदारी को इच्छुक

बाइडन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड सहयोगियों के साथ जल्द भागीदारी को इच्छुक
Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: March 5, 2021 11:16 am IST

वॉशिंगटन, पांच मार्च (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोगियों ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के साथ जल्द से जल्द सहयोग करने की इच्छा जताई है। यह जानकारी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।

क्वाड देशों में जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं। चारों देशों ने 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये का मुकाबला करने के लिए ‘‘क्वाड’’ या चार देशों का गठबंधन बनाने के प्रस्ताव को मूर्त रूप दिया था।

प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन की ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के अपने समकक्षों के साथ गर्मजोशी से एवं सकारात्मक बातचीत हुई है और वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ जल्द से जल्द सीधी भागीदारी के लिए इच्छुक हैं।’’

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अधिकारी ने बताया कि शपथ ग्रहण करने के 50 दिनों से भी कम समय में अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन, विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन, रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान सहित प्रशासन के वरिष्ठ सदस्यों ने क्वाड देशों के अपने समकक्षों के साथ बातचीत की है।

बाइडन ने दुनिया के जिन शीर्ष दस नेताओं को फोन किया उनमें क्वाड देशों के नेता भी शामिल हैं। उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री योशाहिदे सुगा से 27 जनवरी को, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन से तीन फरवरी को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आठ फरवरी को बात की थी।

ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के समूह को क्वाड के नाम से जाना जाता है और बाइडन प्रशासन इसे मजबूती देने में लगा हुआ है।

क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक हो चुकी है। जापान की मीडिया ने पिछले महीने खबर दी थी कि क्वाड शिखर सम्मेलन की तैयारियां जारी हैं।

सिडनी में प्रधानमंत्री मॉरीसन ने शुक्रवार को संकेत दिए कि क्वाड नेता जल्द ही अपनी पहली बैठक करेंगे।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह हिंद-प्रशांत वार्ता के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसमें चार नेता, चार देश हिंद-प्रशांत में शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए मिलकर सकारात्मक रूप से काम करेंगे।’’

भाषा नीरज नीरज उमा

उमा


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