विदेशी चिकित्सकों को अमेरिका की ओर आकर्षित करने के लिए विधेयक पेश | Bill introduced to attract foreign physicians to US

विदेशी चिकित्सकों को अमेरिका की ओर आकर्षित करने के लिए विधेयक पेश

विदेशी चिकित्सकों को अमेरिका की ओर आकर्षित करने के लिए विधेयक पेश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : June 8, 2021/7:06 am IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, आठ जून (भाषा) अमेरिका में चिकित्सकों की कमी को दूर करने की खातिर प्रभावशाली सांसदों के द्विदलीय समूह ने वह विधेयक फिर से पेश करने की घोषणा की है जो देश के ग्रामीण इलाकों में कार्य करने के लिए विदेशी चिकित्सकों को आकर्षित करने से संबंधित है।

इस कदम से उन हजारों भारतीय चिकित्सकों को लाभ मिलेगा जो पहले से अमेरिका में रह रहे हैं और उन चिकित्सकों को भी, जो अमेरिका आना चाहते हैं। ‘कोनराड स्टेट 30 ऐंड फिजिशियन एक्सिस रिअथॉराइजेशन एक्ट’ को फिर से पेश करने से ऐसे विदेशी चिकित्सक जिनकी रेजिडेंसी प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि पूरी हो चुकी है वे इसके बाद भी यहां रह सकेंगे बशर्ते वे उन क्षेत्रों में सेवाएं दें जहां चिकित्सकों की कमी है।

एक मीडिया विज्ञप्ति में सोमवार को बताया गया कि सीनेट की स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम एवं पेंशन समिति (हेल्प) के सदस्य सीनेटर जैकी रोजेन समेत अनेक सांसदों ने इस विधेयक को फिर से पेश किया है। इसी तरह का विधेयक सांसद ब्रैड श्नाइडर ने प्रतिनिधिसभा में पेश किया।

वर्तमान में, अन्य देशों के जो चिकित्सक अमेरिका में ‘जे-1’ वीजा के जरिए कार्यरत हैं उन्हें रेजिडेंसी प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि समाप्त होने के बाद दो साल के लिए स्वदेश लौटना होता है। उसी के बाद वे वीजा या ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन दे सकते हैं। हालांकि ‘कोनराड स्टेट 30 ऐंड फिजिशियन एक्सेस रिअथॉराइजेशन एक्ट’ के तहत विदेशी चिकित्सक इस शर्त के साथ अमेरिका में रह सकेंगे और उन्हें स्वदेश नहीं लौटना होगा कि वे तीन साल के लिए ऐसे समुदाय में सेवा देने को राजी हों जहां पर चिकित्सकों की कमी है।

इस विधेयक में ‘‘30’’ अंक का मतलब है कि प्रत्येक राज्य से इतनी संख्या में चिकित्सक इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। इसमें चिकित्सकों के जीवनसाथी को भी काम करने की अनुमति होगी तथा यह चिकित्सकों को दुर्व्यवहार के बचाने के लिए उन्हें कर्मचारी संरक्षण भी प्रदान करेगा। इस विधेयक का प्रारूप व्यापक प्रवासी विधेयक में संशोधन की तरह शामिल किया गया है जिसे सीनेट ने 2013 में पारित किया था।

भाषा

मानसी शाहिद

शाहिद

 

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