ट्रस की जगह लेने के लिए सटोरियों का दांव सुनक पर |

ट्रस की जगह लेने के लिए सटोरियों का दांव सुनक पर

ट्रस की जगह लेने के लिए सटोरियों का दांव सुनक पर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : October 16, 2022/9:52 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 16 अक्टूबर (भाषा) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद लगभग महीनेभर पहले संभालने वाली लिज ट्रस के बारे में ऐसा लगने लगा है कि उनका अपनी कंजर्वेटिव पार्टी और वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल से बाहर निकलना मुश्किल होता जा रहा है। वहीं, सटोरियों का दांव प्रधानमंत्री पद की दौड़ में उनके प्रतिद्वंद्वी रहे ऋषि सुनक की 10 डाउनिंग स्ट्रीट में वापसी पर है।

कंजर्वेटिव पार्टी के भीतर वे आवाजें बुलंद होने लगी हैं, जिनका कहना है कि किस तरह सुनक ने वित्तीय स्थिति के बारे में चेतावनी पहले ही दे दी थी। हालांकि इस हफ्ते अपने ‘रेडी फॉर ऋषि’ नेतृत्व अभियान के दल और अन्य अधिकारियों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों की मेजबानी करने के दौरान सुनक ने इन विषयों पर चुप्पी साधे रखी।

सुनक के एक मित्र के हवाले से ‘द संडे टाइम्स’ ने कहा कि हालात को देखते हुए पूर्व ब्रिटिश भारतीय चांसलर दुखी हैं, उन्होंने कहा, ‘‘यह सब ऐसे नहीं होना चाहिए था।’’

‘ऑड्सचेकर’ सट्टेबाजों के ‘ऑड्स एग्रीगेटर’ ने दिखाया कि 47 वर्षीय ट्रस की जगह लेने के लिए सबसे पसंदीदा की दौड़ में 42 वर्षीय सुनक आगे हैं। सुनक की टीम की नजर ब्रिटेन की राजनीति में सबसे उल्लेखनीय राजनीतिक वापसी पर टिकी है।

ट्रस से हार के बाद सुनक ने अपने निर्वाचन क्षेत्र यॉर्कशायर के रिचमंड में वक्त बिताया। प्रधानमंत्री पद की दौड़ में आगे चल रहे सुनक टोरी सदस्यों के मतदान में ट्रस से हारे थे। टोरी के बागी अब इस एक संभावना पर विचार कर रहे हैं कि पूर्ण रूप से नेतृत्व चुनाव के बजाए संसद सदस्य किसी एक उम्मीदवार को अपना पूरा समर्थन दें। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के वफादार सुनक का साथ देंगे, ऐसी संभावना नहीं लगती।

वहीं, नए वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने रविवार को अपनी पार्टी से कहा कि वह ट्रस के पीछे मजबूती से खड़ी रहे, क्योंकि लोग नेतृत्व में एक और परिवर्तन नहीं चाहते हैं। ट्रस ने अपनी करीबी मित्र और विश्वस्त सहयोगी क्वासी क्वारटेंग को पिछले दिनों बर्खास्त कर हंट को यह जिम्मेदारी सौंपी थी। क्वारटेंग वित्त मंत्री के रूप में अपनी खुद की आर्थिक नीतियां लागू कर रही थीं।

भाषा

वैभव दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)