ब्रिटेन ने संरक्षणवादी डेविड एटनबरो को सीओपी 26 में ‘पीपल्स एडवोकेट’ नामित किया

ब्रिटेन ने संरक्षणवादी डेविड एटनबरो को सीओपी 26 में ‘पीपल्स एडवोकेट’ नामित किया

ब्रिटेन ने संरक्षणवादी डेविड एटनबरो को सीओपी 26 में ‘पीपल्स एडवोकेट’ नामित किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: May 10, 2021 12:33 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 10 मई (भाषा) इस साल नवंबर में ग्लासगो में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मलेन के लिए ब्रिटेन ने प्रख्यात प्राकृतिक इतिहासकार सर डेविड एटनबरो को ‘सीओपी26 पीपल्स एडवोकेट’ नामित किया है।

ब्रिटेन द्वारा प्रमुख जलवायु वार्ता के लिए विश्व नेताओं को एक साथ लाने में मात्र छह महीने बचे हैं । इस दौरान संरक्षणवादी एटनबरो को विश्व नेताओं, अहम निर्णय निर्माताओं और जनता के सामने यह मामला दमदार तरीके से रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि क्यों जलवायु संबंधी कार्रवाई मायने रखती है ? उन्हें उन कदमों को भी रेखांकित करना है जो निर्णय निर्माताओं को सीओपी26 में और उससे पहले उठाने की जरूरत है।

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प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, “ सर डेविड एटनबरो जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने और भावी पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को बचाने के अपने जुनून और ज्ञान से, ब्रिटेन तथा दुनियाभर में लाखों लोगों को पहले ही प्रेरित कर चुके हैं। ’’

उन्होंने कहा, “हम नवंबर में सीओपी26 जलवायु सम्मेलन करने जा रहे हैं और आगे के बदलावों को मजबूती देने के लिए उनसे बेहतर व्यक्ति दूसरा नहीं है। मैं सर डेविड एटनबरो का बहुत आभारी हूं कि वे हमारे पीपल्स एडवोकेट बनने के लिए तैयार हो गए।’’

95 वर्षीय एटनबरो जून में कॉर्नवाल में होने वाले जी7 सम्मेलन समेत अगले छह महीने के दौरान प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे जहां वह जलवायु और प्रकृति के संरक्षण को उनके एजेंडे के शीर्ष में लाने के लिए मजबूती से बात रखेंगे ।

उन्हें ग्लासगो सम्मेलन में भी विश्व नेताओं तथा जनता को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

ग्लासगो सम्मलेन को 2015 में पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद सबसे अहम जलवायु बैठक माना जा रहा है।

एटनबरो ने अपनी नियुक्ति के संदर्भ में कहा, “ इससे ज्यादा कोई अहम पल नहीं हो सकता है कि हमारे पास अंतरराष्ट्रीय समझौता हो।”

उन्होंने कहा, “ महामारी ने हमें दिखाया है कि राष्ट्रों की बीच सहमति तलाशना कितना अहम है। इसलिए यह अहम है कि ग्लासगो, सीओपी26 की बैठकें सफल हों और अंतिम देश भी उन समस्याओं को हल करने के लिए साथ आएं जिनका दुनिया सामना कर रही है।”

सीओपी26 में ब्रिटेन के नामित अध्यक्ष और भारतीय मूल के कैबिनेट स्तर के मंत्री आलोक शर्मा ने सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, व्यापारियों और नागरिक समाजों से आग्रह किया है कि वे दुनिया को मध्य शताब्दी तक शून्य उत्सर्जन के मार्ग पर ले जाने के लिए सम्मेलन से पहले साहसी संकल्पों को तेज करें।

भाषा

नोमान मनीषा

मनीषा


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