बैरेट के मनोनयन पर जोर देकर रिपब्लिकन पार्टी अमेरिकी लोगों की इच्छा को नकार रही : हैरिस

बैरेट के मनोनयन पर जोर देकर रिपब्लिकन पार्टी अमेरिकी लोगों की इच्छा को नकार रही : हैरिस

बैरेट के मनोनयन पर जोर देकर रिपब्लिकन पार्टी अमेरिकी लोगों की इच्छा को नकार रही : हैरिस
Modified Date: November 29, 2022 / 08:45 pm IST
Published Date: October 13, 2020 10:22 am IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 13 अक्टूबर (भाषा) अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस ने आरोप लगाया है कि उच्चतम न्यायालय के लिए न्यायाधीश एमी कोनी बैरेट के मनोनयन के लिए सीनेट से मंजूरी में जल्दबाजी कर रिपब्लिकन पार्टी लोगों की इच्छा की अवज्ञा कर रही है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम घोषित होने तक यह प्रक्रिया स्थगित कर दी जानी चाहिए।

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति रूथ बेडर जिन्सबर्ग के स्थान पर न्यायाधीश बैरेट को चुना है। जिन्सबर्ग का पिछले दिनों निधन हो गया था।

उच्चतम न्यायालय की मंजूरी के लिए सोमवार को न्यायाधीश बैरेट की बहस के दौरान हैरिस ने कोविड-19 महामारी के बीच प्रक्रिया जारी रखने की आलोचना की। न्यायपालिका समिति में शामिल दो सीनेटरों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुयी है।

हैरिस ने कहा कि सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी उच्चतम न्यायालय में बैरेट की नियुक्ति के लिए सीनेट से मंजूरी की प्रक्रिया में जल्दबाजी कर रही है जबकि तीन नवंबर को होने वाला राष्ट्रपति चुनाव सिर्फ तीन सप्ताह दूर है।

वह सीनेट की न्यायपालिका समिति की एक महत्वपूर्ण डेमोक्रेटिक सदस्य हैं। वह अपने कार्यालय से ही समिति की बैठक में शामिल हुयीं। हैरिस ने अपने चुनाव अभियान से समय निकालते हुए कहा ‘‘ अमेरिका के 90 लाख से अधिक लोग पहले ही मतदान कर चुके हैं और लाखों अन्य लोग मतदान करेंगे जबकि ‘समिति की यह अवैध प्रक्रिया चल रही है।’

हैरिस (55) ने कहा कि अमेरिकियों का स्पष्ट बहुमत चाहता है कि चुनाव में जीत हासिल करने वाला नियुक्ति के लिए चयन करे। उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन सहयोगियों को यह पता है लेकिन इसके बाद भी वे जानबूझकर लोगों की इच्छा की अवज्ञा कर रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि रिपब्लिकन पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एक घातक महामारी और भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे अमेरिकी लोगों की मदद करने की तुलना में न्यायाधीश की नियुक्ति में जल्दबाजी करना उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण है।

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा


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