(ललित के झा)
वाशिंगटन, 20 फरवरी (भाषा) जलवायु संकट पर अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी ने जोर देकर कहा है कि भारत सहित सभी 17 प्रमुख कार्बन उत्सर्जक देशों को आगे आने एवं उत्सर्जन में कटौती करने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका आधिकारिक रूप से जलवायु परिवर्तन पर हुए पेरिस समझौते में दोबारा शामिल हो गया है। इससे पहले, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को समझौते से अलग कर लिया था।
केरी ने शुक्रवार को कहा, ‘‘सब कुछ त्वरित आधार पर करने के भाव से एवं इस प्रतिबद्धता से किया जाना चाहिए कि हमें यह लड़ाई जीतनी ही है… और हमें जरूरत है कि अमेरिका एवं प्रत्येक देश वर्ष 2050 तक शून्य उत्सर्जन के रास्ते पर जाने को प्रतिबद्ध हों।’’
उन्होंने कहा, ‘‘…अगले 10 साल में हम क्या कदम उठाएंगे? सच्चाई है कि यह सभी को करना है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा (कार्बन)उत्सर्जक है और उसको वर्ष 2020 से 2030 के प्रयास का हिस्सा होने की जरूरत है।’’
केरी ने कहा,‘‘ भारत को इसका हिस्सा होने की जरूरत है, रूस को हिस्सा होने की जरूरत है। इसी तरह जापान…और प्रमुख 17 उत्सर्जक देशों को वास्तव में कदम उठाने एवं उत्सर्जन को कम करने की शुरुआत करने की जरूरत हैं’’
केरी ने कहा कि यह चुनौती है, इसका मतलब है कि सभी देशों ने जो साहसिक एवं प्राप्त करने वाले लक्ष्य तय किया है उसके लिए कार्य करने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र का जलवायु सम्मेलल सीओपी26 इस साल नवंबर में ग्लासगो में आयोजित किया जाएगा।
भाषा धीरज मनीषा
मनीषा
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