चीन ने नेपाल को अपने 4 बंदरगाह इस्तेमाल करने की दी अनुमति, भारत पर निर्भरता होगी कम

चीन ने नेपाल को अपने 4 बंदरगाह इस्तेमाल करने की दी अनुमति, भारत पर निर्भरता होगी कम

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  • Publish Date - September 8, 2018 / 08:12 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

काठमांडू। चीन ने अपने 4 बंदरगाह और 3 लैंड पोर्ट इस्तेमाल करने की अनुमति नेपाल को दे दी है। चीन का यह फैसला भारत के लिए इसलिए नुकसानदायक है क्योंकि इससे नेपाल की भारत पर निर्भरता कम होगी। नेपाल चारों तरफ जमीन से घिरा हुआ है। इसलिए वह पहले भारत पर निर्भर रहता था, लेकिन अब उसकी यह निर्भरता कम होगी। चीन पड़ोसी देशों में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए पहले तो सिर्फ कर्ज बांट रहा था, लेकिन अब उसने अपने संसाधनों का भी इस्तेमाल करने की छूट देनी शुरु कर दी है।

जानकारों के अनुसार 2015 में हुए मधेसी आंदोलन के पश्चात नेपाल में दैनिक उपयोग की वस्तुओं की आपूर्ति काफी प्रभावित हो गई थी। तब से ही नेपाल ने भारत पर निर्भरता कम करने की तैयारी शुरु कर दी थी। इसे देखते हुए इस दौरान चीन ने नेपाल से अपने संबंध और बेहतर कर लिए।

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मिली जानकारी के अनुसार नेपाल अब चीन के शैनजेन, लियानयुगांग, झाजियांग और तियानजिन सी-पोर्ट का इस्तेमाल कर सकेगा। तियानजिन बंदरगाह नेपाल की सीमा से सबसे ज्यादा नजदीक है इसके साथ ही, चीन ने लंझाऊ, ल्हासा और शीगाट्स ड्राई पोर्ट के इस्तेमाल करने की इजाजत नेपाल को दे दी है। तय व्यवस्था के अनुसार चीन तिब्बत में शिगाट्स के रास्ते सामान ले जाने वाले नेपाल के ट्रकों और कंटेनरों को परमिट देगा

नेपाल के औद्योगिक और वाणिज्यिक मंत्रालय के संयुक्त सचिव रविशंकर सैंजू ने बताया कि अन्य देशों के साथ कारोबार के लिए नेपाली कारोबारियों को चीन के सीपोर्ट तक पहुंचने के लिए रेल और सड़क मार्ग की इजाजत भी मिलेगी।

वेब डेस्क, IBC24