अगर जापान की प्रधानमंत्री ने ताइवान पर अपनी टिप्पणी वापस नहीं ली तो जवाबी कार्रवाई करेंगे : चीन

अगर जापान की प्रधानमंत्री ने ताइवान पर अपनी टिप्पणी वापस नहीं ली तो जवाबी कार्रवाई करेंगे : चीन

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  • Publish Date - November 19, 2025 / 07:22 PM IST,
    Updated On - November 19, 2025 / 07:22 PM IST

(केजेएम वर्मा)

बीजिंग/तोक्यो, 19 नवंबर (भाषा) चीन ने बुधवार को जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची से ताइवान पर की गई ‘गलत टिप्पणियां’ वापस लेने को कहा और चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने पर ‘जवाबी कदम’ उठाए जाएंगे।

दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बीजिंग में तनाव कम करने के लिए हुई बैठक के एक दिन बाद चीन ने यह चेतावनी जारी की।

चीन-जापान के बीच हुई बैठक में हालांकि मतभेदों को दूर करने पर बात नहीं बनी।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि ताकाइची ने हाल ही में ताइवान के बारे में गलत टिप्पणियां कीं, जो चीन के आंतरिक मामलों में घोर हस्तक्षेप है और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है तथा उन्होंने युद्धोत्तर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौती दी और चीन के लोगों में आक्रोश को भड़काया है।

उन्होंने कहा, “हम जापान से आग्रह करते हैं कि वह अपनी गलत टिप्पणियों को वापस ले, समस्याएं उत्पन्न करना बंद करे और द्विपक्षीय संबंधों की नींव को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए।”

माओ ने कहा, “अगर जापान अपनी टिप्पणियों को वापस लेने से इनकार करता है, तो चीन के पास गंभीर जवाबी कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा और इसके सभी परिणाम जापान को भुगतने होंगे।”

माओ ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए यह भी कहा कि जापान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता पाने के लिए ‘पूरी तरह से अयोग्य’ है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि कुछ देश जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की जिम्मेदारी लेने में असमर्थ हैं, वे सुरक्षा परिषद के सदस्य बनने के भी अयोग्य हैं।

इस मुद्दे पर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में दोनों देशों के बीच तीखी बहस हुई। भारत, जर्मनी और ब्राजील के साथ मिलकर जापान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए दावा पेश कर रहा है, जिसका चीन विरोध करता है।

प्रधानमंत्री ताकाइची ने सात नवंबर को एक संसदीय समिति से कहा था कि ताइवान पर चीनी सैन्य हमला जापान के लिए ‘अस्तित्व पर खतरा’ बन सकता है, जिससे जापान सामूहिक आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकता है।

ताकाइची के इस बयान के बाद चीन के साथ जापान के द्विपक्षीय संबंधों में दरार आ गयी।

ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा मानने वाले चीन का कहना है कि ताइवान का मुद्दा पूरी तरह से उसका ‘आंतरिक मामला’ है।

भाषा जितेंद्र अविनाश

अविनाश