चीन की कोरोना वैक्सीन नहीं है बहुत प्रभावी, चीन के टॉप स्वास्थ्य अधिकारी ने किया स्वीकार | China's corona virus anti-infection vaccines less effective: official

चीन की कोरोना वैक्सीन नहीं है बहुत प्रभावी, चीन के टॉप स्वास्थ्य अधिकारी ने किया स्वीकार

चीन की कोरोना वैक्सीन नहीं है बहुत प्रभावी, चीन के टॉप स्वास्थ्य अधिकारी ने किया स्वीकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : April 11, 2021/12:25 pm IST

बीजिंग, 11 अप्रैल (एपी) । चीन के शीर्ष रोग नियंत्रण अधिकारी ने कहा है कि देश के कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीके कम असरदार हैं और सरकार इन्हें और अधिक प्रभावी बनाने पर विचार कर रही है।
read more: किसानों को 5 हजार 900 करोड़ के ब्याज मुक्त ऋण वितरण का लक्ष्य, लोकवाणी में सीएम भूपेश ने और क्या ब…

चीन के रोग नियंत्रण केन्द्र (सीडीसी) के निदेशक गाओ फू ने शनिवार को चेंगदू शहर में एक संगोष्ठी में कहा कि चीन के टीकों में ‘‘बचाव दर बहुत ज्यादा नहीं है।’’

गाओ का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब चीन ने अन्य देशों को टीकों की करोड़ों खुराके दी हैं और पश्चिमी देशों के टीकों के प्रभावी होने पर संशय पैदा करने और बढ़ावा देने की भी वह लगातार कोशिश कर रहा है।
read more: विधायक शकुंतला साहू के कोरोना टीका लगवाने पर पूर्व मंत्री अजय चंद्र…

उन्होंने कहा, ‘‘अब इस बात पर गंभीरता से विचार हो रहा है कि क्या हमें टीकाकरण प्रक्रिया के लिए अलग-अलग टीकों का इस्तेमाल करना चाहिए।’’

अधिकारियों ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में गाओ की टिप्पणी या आधिकारिक योजनाओं में संभावित परिवर्तनों को लेकर सवालों के सीधे जवाब नहीं दिए। लेकिन सीडीसी के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि एमआरएनए-आधारित टीकों पर काम किया जा रहा है।

अधिकारी वांग हुआंग ने कहा, ‘‘हमारे देश में विकसित एमआरएनए-आधारित टीके भी क्लीनिकल परीक्षण चरण में प्रवेश कर चुके हैं।’’
read more: रायपुर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मरीज, 6 नए कंटेनमेंट जोन और बनाए गए

विदेश मंत्रालय के अनुसार दो देशों की दवा निर्माताओं कंपनियों, सिनोवैक और सिनोपार्म द्वारा बनाए गए टीके, मैक्सिको, तुर्की, इंडोनेशिया, हंगरी, ब्राजील और तुर्की सहित 22 देशों में निर्यात किए गए हैं।

ब्राजील के शोधकर्ताओं ने चीन की टीका निर्माता कंपनी सिनोवैक के संक्रमण रोधी टीकों के असरदार होने की दर लक्षण वाले संक्रमण से बचाव में 50.4 प्रतिशत पाई। वहीं इसके मुकाबले फाइजर द्वारा बनाए गए टीके 97 प्रतिशत असरदार पाए गए।

गौरतलब है कि चीन ने अपने देश में किसी अन्य देश के टीके के इस्तेमाल को अभी मंजूरी नहीं दी है।
read more: रायपुर में लॉकडाउन का दूसरा दिन, प्रमुख चौराहों में की गई बैरिकेडिं…

गाओ ने टीके के संबंध में रणनीति पर किसी तरह के बदलाव के ब्योरे तो नहीं दिए लेकिन उन्होंने ‘एमआरएनए’ का जिक्र किया। यह प्रयोग की एक तकनीक है जिसका इस्तेमाल पश्चिम देशों के टीका निर्माता करते हैं, वहीं चीन के दवा निर्माता पारंपरिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रत्येक व्यक्ति को उन लाभ के बारे में विचार करना चाहिए, जो एमआरएनए टीके मानव जाति को पहुंचा सकते हैं। हमें सावधानी से उसका अनुसरण करना चाहिए और केवल इसलिए उसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए कि हमारे पास पहले से ही अनेक प्रकार के टीके हैं।’’

 
Flowers