बीजिंग। रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया है। वहीं अब चीन ने भी कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया है। इसके साथ ही चीन ने कोरोना वैक्सीन का पेटेंट भी करा लिया है। दूसरी ओर रूसी कोरोना वैक्सीन की तरह भी अब चीनी वैक्सीन को लेकर कई बड़े सवाल उठ रहे हैं।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन ने तीसरे चरण ट्रायल के परिणाम आने से पहले ही पंजीयन करा लिया है। इसे लेकर अब वैज्ञानिक उपलब्धि के बजाए व्यावसायिक उपलब्धि बता रहे हैं। उल्लेखीय है कि रूसी कोरोना वैक्सीन ने अभी तक तीसर चरण के ट्रायल को पूरा नहीं किया है। वहीं रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 42 दिन के परीक्षण के बाद 11 अगस्त को वैक्सीन का पंजीयन करा लिया।
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China grants its 1st #patent for a #COVID19 #vaccine, which can induce strong cellular and humoral immune response in a short period of time and can be produced quickly on a large scale: National Intellectual Property Administration. pic.twitter.com/vdAnBSapwX
— People’s Daily, China (@PDChina) August 17, 2020
इस कोरोना वैक्सीन के कई साइड इफेक्ट भी सामने आए हैं। वहीं अब चीनी वैक्सीन की भी सच्चाई धीरे—धीरे सामने आ रही है। बता दें कि इस कोरोना वैक्सीन को कैनसिनो बायोलॉजिक्स ने चीन के एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेस के साथ मिलकर Ad5-nCOV नाम के एडेनोवायरस को बेस लेकर बनाया है। आम सर्दी-जुकाम के वायरस को मोडिफाई कर नोवल कोरोनावायरस का जेनेटिक मटेरियल उसमें जोड़ा गया है।
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