अफ्रीकी शिशुओं पर हेपेटाइटिस बी टीके का अध्ययन करेंगे डेनमार्क के वैज्ञानिक, अमेरिकी फैसले पर सवाल
अफ्रीकी शिशुओं पर हेपेटाइटिस बी टीके का अध्ययन करेंगे डेनमार्क के वैज्ञानिक, अमेरिकी फैसले पर सवाल
न्यूयॉर्क, 20 दिसंबर (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अफ्रीका में नवजात शिशुओं पर हेपेटाइटिस-बी टीकों के अध्ययन के लिए डेनमार्क के एक विश्वविद्यालय को बिना प्रतिस्पर्धा के अनुबंध दिया है, जिसे लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं।
यह असामान्य अनुबंध उन वैज्ञानिकों को दिया गया है, जिनके काम पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ, खासकर टीका रोधी कार्यकर्ता सवाल उठा चुके हैं। इन वैज्ञानिकों के अध्ययन को कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ अनैतिक मान रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इस अध्ययन के दौरान संक्रमण के बड़े खतरे से जूझ रहे उन नवजात शिशुओं को टीका नहीं लगाया जाएगा, जिनके लिए यह टीका बहुत जरूरी है।
‘एसोसिएटेड प्रेस’ को पता चला है कि सामान्य नैतिक समीक्षा प्रक्रिया के तहत यह अनुबंध नहीं दिया गया है।
इस हफ्ते जारी एक संघीय नोटिस के अनुसार, रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने सदर्न डेनमार्क विश्वविद्यालय की एक शोध टीम को यह अनुबंध दिया है। अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर ने इस फैसले की सराहना की है।
टीम की एक प्रमुख सदस्य क्रिस्टिन स्टाबेल बेन रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर द्वारा गठित समिति की सलाहकार हैं। इस समिति ने हाल में यह निर्णय लिया था कि अब सभी अमेरिकी नवजातों को हेपेटाइटिस-बी का टीका लगाने की अनुशंसा नहीं की जाएगी।
यह अध्ययन अगले साल की शुरुआत में गिनी-बिसाऊ में शुरू होगा। पश्चिम अफ्रीका के एक गरीब देश गिनी-बिसाऊ में हेपेटाइटिस-बी संक्रमण आम है। अध्ययनकर्ताओं को पांच साल में 14,000 नवजातों पर अध्ययन करने के लिए वित्तपोषित किया गया है।
यह एक सांयोगिक नियंत्रित परीक्षण (आरसीटी) होगा, जिसमें कुछ नवजातों को जन्म के समय हेपेटाइटिस-बी का टीका लगाया जाएगा और कुछ को नहीं लगाया जाएगा। इस दौरान बच्चों की मौत, बीमारी और दीर्घकालिक विकासात्मक परिणामों पर नजर रखी जाएगी।
इस तरह का अनुबंध दिया जाना बहुत ही असामान्य बात है। सीडीसी ने कोई शोध अनुदान अवसर की घोषणा नहीं की और न ही प्रस्तावों को आमंत्रित किया।
स्वास्थ्य वैज्ञानिकों ने कहा है कि पहले भी बेन और उनके पति पीटेर एबी के नेतृत्व में किए गए ‘‘बैंडिम हेल्थ प्रोजेक्ट’’ पर सवाल उठा चुके हैं।
डेनमार्क के शोधकर्ताओं ने एबी और बेन के काम की समीक्षा की और कुछ संदिग्ध शोध प्रक्रियाओं का उल्लेख किया। इस साल की शुरुआत में, सीडीसी के पूर्व निदेशक डॉ. टॉम फ्रीडन ने एक संपादकीय लिखा था, जिसमें 2017 में एबी और बेन द्वारा सह-लेखित अध्ययन को ‘‘मूल रूप से दोषपूर्ण’’ बताया था।
सस्कैचेवान विश्वविद्यालय में संक्रमण विशेषज्ञ डॉ. एंजेला रासमुसन समेत कुछ शोधकर्ताओं ने इस अनुबंध पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
रासमुसन ने कहा कि केनेडी करदाताओं के धन अपने ‘‘चेहेतों’’ को दे रहे हैं, ताकि वे ‘‘एक घृणित और अनैतिक अध्ययन कर सकें। इससे बेवजह अफ्रीकी बच्चों के सामने हेपेटाइटिस-बी का खतरा पैदा होगा।’’
एपी जोहेब खारी
खारी

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