‘मुझे लगा कि मैं मरने वाला हूं और मेरे लिए जीना असंभव होगा’, 140 घंटे से मलबे में दबे 12 लोगों की बची जान

भूकंप के बाद लोगों का जीवन बचाने के लिए बचावकर्मी पिछले पांच दिन से कड़ाके की ठंड में लगातार काम कर रहे हैं। बचाव कार्य के दौरान शनिवार को 12 से अधिक लोगों को बचा लिया गया।

‘मुझे लगा कि मैं मरने वाला हूं और मेरे लिए जीना असंभव होगा’, 140 घंटे से मलबे में दबे 12 लोगों की बची जान
Modified Date: February 12, 2023 / 10:57 am IST
Published Date: February 12, 2023 9:16 am IST

Death toll in Syria and Turkey earthquake crosses 28000

दमिश्क, 12 फरवरी। तुर्किये और सीरिया में पांच दिन पहले आए भीषण भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 28,000 के पार हो गई है तथा और लोगों के जीवित बचने की तेजी से लगातार धूमिल होती उम्मीदों के बीच बचाव कार्य जारी है।

भूकंप के बाद लोगों का जीवन बचाने के लिए बचावकर्मी पिछले पांच दिन से कड़ाके की ठंड में लगातार काम कर रहे हैं। बचाव कार्य के दौरान शनिवार को 12 से अधिक लोगों को बचा लिया गया।

बार-बार बेहोश हो रहे और होश में आ रहे इब्राहिम जकारिया नाम के व्यक्ति को इस बात का पता नहीं था कि वह कितने दिन से अपने घर के मलबे के नीचे दबा था। जकारिया को शुक्रवार रात को बचाया गया।

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जकारिया ने शनिवार को अस्पताल में ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘‘मुझे लगा था कि मैं मरने वाला हूं और मेरे लिए फिर से जीना असंभव होगा।’’

भूकंप के बाद शनिवार को बचाए गए लोगों में अतांक्या में बचाया गया सात महीने का एक बच्चा और कहरामनमारस का एक परिवार शामिल है।

टेलीविजन नेटवर्क ‘हैबरटर्क’ ने बताया कि सीरिया की सीमा से सटे गाजियांटेप प्रांत में नुरदागी शहर की एक इमारत के मलबे से एक परिवार के पांच लोगों को बचाया गया। इस्लाहिये कस्बे के मलबे से एक व्यक्ति और उसकी तीन वर्षीय बेटी को बाहर निकाला गया। सात वर्षीय एक बच्ची को हाते प्रांत में बचाया गया।

इल्बिस्तान में 20 वर्षीय मेलिसा उल्कु और एक अन्य व्यक्ति को मलबे में 132 घंटे फंसे रहने के बाद बचाया गया।

तुर्किये के टीवी स्टेशन ‘एनटीवी’ ने बताया कि हाते प्रांत के इस्केंदेरुन में 138 घंटे से मलबे में फंसे 44 वर्षीय एक व्यक्ति को बाहर निकाला गया। बचावकर्मियों ने इसे एक चमत्कार बताया और कहा कि उन्हें किसी के मिलने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन वे खोदते गए और उन्हें एक व्यक्ति की आंखें दिखीं, जो अपना नाम बता रहा था।

एनटीवी ने बताया कि इसी प्रांत में भूकंप के 140 घंटे बाद अंताक्या में एक बच्चे को मलबे से बाहर निकाला गया।

इस बीच 50 घंटे की मशक्कत के बाद मलबे से निकाली गई जेयनेप काहरमन नाम की महिला ने रात में अस्पताल में दम तोड़ दिया।

ये बचाव कार्य भूकंप के बाद तुर्किये सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर लोगों के बढ़ रही हताशा के बीच जारी हैं। इस भूकंप से केवल तुर्किये में 24,617 लोगों की मौत हुई है और कम से कम 80,000 लोग घायल हुए हैं।

 

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com