कुआलालंपुर: don’t sleep with wife भारत सहित दुनिया के कई देशों में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ मामले ऐसे होते हैं जो कोर्ट में जाने के बाद फर्जी साबित होते हैं। वहीं, कुछ ऐसी महिलाएं भी होती है, जिनकी जिद के आगे पति परेशान होते हैं, फिर भी रिश्ते निभाते हैं। लेकिन जिद्दी पत्नी को सबक सिखाने के लिए मलेशिया की एक महिला मंत्री ने पुरुषों को सलाह दी है। महिला मंत्री का कहना है कि यदि पत्नी जिद पर अड़ी रहती है और अभद्र व्यवहार करती है, तो फिर पति को उसकी पिटाई करनी चाहिए, ताकि उसे अनुशासित किया जा सके।
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don’t sleep with wife ‘डेली मेल’ की रिपोर्ट के अनुसार, महिला, परिवार और सामुदायिक विकास की उपमंत्री सिती जैला मोहम्मद युसॉफ (Siti Zailah Mohd Yusoff) की आलोचना हो रही है। नाराज लोगों का कहना है कि मंत्री साहिबा मर्दों को अपनी पत्नियों को पीटने के लिए कहकर घरेलू हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं। सिती ने इंस्टाग्राम पर एक दो मिनट का वीडियो पोस्ट किया है, जिसे ‘मदर टिप्स’ का नाम दिया गया।
इस वीडियो में उपमंत्री ने पतियों को सलाह दी कि वे अपनी जिद्दी पत्नियों के साथ बात करके उन्हें अनुशासित करें। यदि पत्नियां फिर भी अपना व्यवहार नहीं बदलती हैं, तो पति तीन दिनों तक उनके साथ नहीं सोएं। सिती जैला ने आगे कहा, ‘यदि पत्नी अभी भी सलाह मानने से इनकार करती है या अलग सोने के बाद भी अपना व्यवहार नहीं बदलती, तो पति सख्ती दिखाएं। वे अपनी पत्नियों की पिटाई करें. हालांकि, ये ज्यादा कठोर न हो, ताकि उन्हें पता चल सके कि उनके पति कितने सख्त हैं और क्या बदलाव चाहते हैं।’
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सिती जैला मोहम्मद युसॉफ पैन-मलेशिया इस्लामिक पार्टी (Pan-Malaysian Islamic Party) की सांसद हैं। उन्होंने महिलाओं को सलाह देते हुए कहा कि अगर वे अपने पतियों का दिल जीतना चाहती हैं, तो उनकी अनुमति मिलने पर ही उनसे कुछ कहें। उन्होंने महिलाओं से कहा, ‘अपने पतियों से तब बात करें, जब वे शांत हों, खाना खा चुके हों, प्रार्थना कर चुके हों और आराम कर रहे हों। जब आप बोलना चाहती हैं, तो पहले उनसे अनुमति लें’।
मंत्री साहिबा की सलाह को लेकर उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है. कई संगठन उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। अधिकार समूहों के एक गठबंधन, ज्वाइंट एक्शन ग्रुप फॉर जेंडर इक्वेलिटी ने सिती जैला पर घरेलू हिंसा को सामान्य करने का आरोप लगाया और मांग की कि वह उप महिला मंत्री के पद से इस्तीफा दें। वैसे, ये कोई पहला मौका नहीं है. इससे पहले भी मंत्री साहिबा कई बार विवादित बयान दे चुकी हैं। 2020 में उन्होंने कहा था कि महिलाओं को चाहिए कि वो अपने साथ मारपीट करने वाले पतियों को क्षमा कर दें।
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संगठनों के एक संयुक्त बयान में कहा गया कि उप मंत्री को घरेलू हिंसा को सामान्य करने के लिए पद छोड़ना चाहिए, जो मलेशिया में एक अपराध है। संगठन ने कहा कि 2020 और 2021 के बीच, घरेलू हिंसा के 9015 मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, असल आंकड़े वास्तव में अधिक होंगे क्योंकि ज्यादातर महिलाएं अपने साथ हुई ज्यादतियों के खिलाफ आवाज नहीं उठातीं।
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