प्रथम कृत्रिम भ्रूण : वैज्ञानिक सफलता ने गंभीर नैतिक प्रश्न खड़े किए हैं

प्रथम कृत्रिम भ्रूण : वैज्ञानिक सफलता ने गंभीर नैतिक प्रश्न खड़े किए हैं

प्रथम कृत्रिम भ्रूण : वैज्ञानिक सफलता ने गंभीर नैतिक प्रश्न खड़े किए हैं
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: August 13, 2022 4:37 pm IST

(जुलियन सावुलेस्कु, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय; क्रिस्टोफर गिनगेल, द यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न एवं सुतोमू सवाई, हिरोशिमा यूनिवर्सिटी)

ऑक्सफोर्ड (ब्रिटेन), 13 अगस्त (द कन्वरसेशन) बच्चों को नहीं पता होगा कि शुक्राणु और अंडाणु के बिना शिशु का जन्म नहीं हो सकता। लेकिन पक्षियों और मधुमक्खियों के बारे में अपने बच्चों को हम जो जानकारी देते हैं उससे जुड़ी मूलभूत बातों पर इजराइल में शोधकर्ताओं की एक टीम ने सवाल खड़े किए हैं।

शोधकर्ताओं ने सिर्फ स्टेम कोशिका का उपयोग कर चूहे का एक भ्रूण तैयार किये जाने का भी जिक्र किया है। इसे प्रयोगशाला में बायेरिएक्टर के अंदर तैयार किया जाता है।

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शोधकर्ताओं की टीम ने चूहे का प्राकृतिक भ्रूण तैयार करने के लिए 2021 में इसी कृत्रिम गर्भ का उपयोग किया, जो 11 दिनों तक जीवित रहा। प्रयोगशाला निर्मित गर्भ या बाहरी गर्भाशय अपने आप में एक सफलता है क्योंकि भ्रूण बैक्‍टीरिया आदि को उत्‍पन्‍न करने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले पात्र में जीवित नहीं रह सकता।

यदि आप सिलीकॉन गर्भ के बारे में सोच रहे हैं तो फिर से विचार करें। बाहरी गर्भाशय परिक्रमा करने वाला एक ऐसा उपकरण है जो पोषकों से भरा हुआ होता है। यह गतिविधि रक्त और पोषकों के प्रवाह को गर्भाशय के गर्भनाल तक ले जाता है।

इन नयी प्रौद्योगिकियों ने कई नैतिक एवं कानूनी चिंताएं पैदा की हैं:-

कृत्रिम गर्भ-

हालिया अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने स्टेम कोशिकाओं का संग्रहण शुरू किया। बाहरी गर्भाशय द्वारा तैयार की गई परिस्थितियों ने विकासात्मक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जो भ्रूण का निर्माण करता है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने कहा कि कृत्रिम मानव भ्रूण तैयार करने में हमें अभी लंबा सफर तय करना है लेकिन प्रयोग ने हमें ऐसे समय के नजदीक पहुंचा दिया है जब कुछ मानव कृत्रिम रूप से गर्भ में शिशु विकसित कर सकेंगे।

हर साल दुनियाभर में तीन लाख से अधिक महिलाओं की मृत्यु शिशु को जन्म देते समय या गर्भावस्था की समस्या के चलते हो जाती है। यहां तक कि संपन्न देशों में गर्भावस्था और शिशु का जन्म जोखिम भरा है और माताओं की मृत्यु होने पर स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की आलोचना की जाती है।

स्वास्थ्य देखभाल को सभी के पहुंच के दायरे में लाने, माताओं को बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने, गर्भावस्था और शिशु के जन्म को सुरक्षित बनाने की तत्काल आवश्यकता है। एक आदर्श विश्व में हर माता-पिता को मातृत्व के सभी पहलुओं में बेहतरीन देखभाल की उम्मीद करनी चाहिए। यह प्रौद्योगिकी समय से पहले जन्में शिशु के लिए उपयोगी हो सकती है और कुछ महिलाओं को एक अलग विकल्प दे सकती है: अपने गर्भ में शिशु को विकसित करें या बाहरी गर्भाशय का उपयोग करें।

कुछ दार्शनिकों का कहना है कि कृत्रिम गर्भ विकसित करने की नैतिक रूप से आवश्यकता है। लेकिन अन्य शोधकर्ताओं का कहना है कि कृत्रिम गर्भ किसी महिला के गर्भ गिराने के कानूनी अधिकार को खतरा पैदा करता है। वहीं, एक अन्य अहम कानूनी मुद्दा स्टेम कोशिका का स्रोत और मंजूरी है।

हालांकि, भविष्य में इनड्यूस्ड प्लुरीपोटेंट स्टेम सेल (आईपीएस) से कृत्रिम भ्रूण तैयार करना संभव होगा।

क्लोनिंग-

आईपीएस कोशिकाएं एक जीवित या मृत व्यक्ति की परिपक्व कोशिका से तैयार की जाती है। यदि कोशिकाएं भ्रूण स्टेम कोशिका से ली जाती है तो आगे चलकर आईपीएस कोशिकाओं से व्यवहार्य भ्रूण तैयार करना संभव हो जाएगा। भ्रूण कोशिका प्रदाता का क्लोन होगा।

(द कन्वरसेशन) सुभाष पवनेश

पवनेश


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