ढाका, नौ जून (भाषा) बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हामिद विदेश में इलाज कराने के बाद सोमवार को स्वदेश लौट आए।
हामिद अपदस्थ की गईं प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के दौरान दो कार्यकाल तक राष्ट्रपति रहे।
हामिद (81) थाईलैंड से एक महीने बाद लौटे हैं। उनके ‘‘गुप्त रूप से प्रस्थान’’ के कारण बांग्लादेश में प्रदर्शन हुए थे, क्योंकि हत्या के एक मामले में आरोपी होने के बावजूद उन्हें जाने की अनुमति दी गई थी।
हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एचएसआईए) के एक अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘वह थाई एयरवेज की उड़ान से सुबह यहां पहुंचे। आवश्यक आव्रजन औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वह हवाई अड्डे से चले गए, जिसमें करीब डेढ़ घंटे का समय लगा।’’
एचएसआईए के कार्यकारी निदेशक ग्रुप कैप्टन एसएम रागीब समद ने बताया कि हामिद अन्य आम यात्रियों की तरह ही वापस लौटे।
निजी टीवी चैनलों ने भी उनकी कार के हवाई अड्डे से बाहर निकलते हुए फुटेज शेयर किए।
वह आठ मई को आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसी हवाई अड्डे से ढाका से रवाना हुए थे, लेकिन उनके गोपनीय तरीके से जाने पर भारी विरोध हुआ था।
छात्र नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि अधिकारियों ने हत्या के मामले में आरोपी होने के बावजूद हामिद को ‘‘भागने’’ दिया।
गृह मामलों के सलाहकार सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जहांगीर आलम चौधरी ने कहा था कि यदि वह संबंधित अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने में विफल रहे तो पद छोड़ देंगे। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें हामिद के जाने की जानकारी नहीं थी।
प्रदर्शनों के बाद, मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने दो जांच समितियां बनाईं, जिनमें से एक में तीन सलाहकार शामिल थे। अधिकारियों ने दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया और एक अन्य को ‘‘कर्तव्य में लापरवाही’’ बरतने के आरोप में हवाई अड्डे के आव्रजन में उनके पद से हटा दिया।
सोमवार को राजधानी के एक पुलिस थाने के नियमित दौरे के दौरान गृह सलाहकार चौधरी ने कहा कि हामिद की गिरफ्तारी का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि उनके खिलाफ कोई वारंट नहीं है।
मीडिया की खबरों और हामिद के करीबी लोगों ने बताया कि वह कैंसर से पीड़ित हैं और उन्होंने बैंकॉक में इलाज कराया है।
‘डेली स्टार’ अखबार ने उस समय एक अनाम सूत्र के हवाले से खबर दी थी, ‘‘पूर्व राष्ट्रपति इलाज के लिए थाईलैंड गए हैं। उन्हें अनुमति दी गई, क्योंकि उनके खिलाफ कोई अदालती आदेश या किसी एजेंसी द्वारा प्रतिबंध नहीं था।’’
हामिद उत्तरी किशोरगंज में अपने गृहनगर में हुई हत्या के मामले में आरोपियों में से एक हैं। यह मामला पिछले साल के हिंसक आंदोलन के सिलसिले में दर्ज किया गया था। प्रदर्शन का नेतृत्व स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) ने किया था, जिसका एक बड़ा हिस्सा बाद में एनसीपी के रूप में उभरा।
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