तैराकी के बाद मैं अपने कान से पानी कैसे निकाल सकता हूं?

तैराकी के बाद मैं अपने कान से पानी कैसे निकाल सकता हूं?

तैराकी के बाद मैं अपने कान से पानी कैसे निकाल सकता हूं?
Modified Date: December 26, 2025 / 05:02 pm IST
Published Date: December 26, 2025 5:02 pm IST

(पीटर कैर्यू, वरिष्ठ व्याख्याता (ऑडियोलॉजी), मेलबर्न विश्वविद्यालय; मर्डोक चिल्ड्रन्स रिसर्च इंस्टीट्यूट)

मेलबर्न, 26 दिसंबर (द कन्वरसेशन) तैराकी गर्मियों के दिनों की सबसे मजेदार गतिविधियों में से एक है। लेकिन पानी से बाहर आने पर शरीर सूख जाने के बावजूद आप को यह लग सकता है कि कान में पानी रह गया है।

ऐसी स्थिति में कान भरा-भरा या बंद सा महसूस हो सकता है, आवाजें धीमी या दबी-दबी सुनाई दे सकती हैं, और कभी-कभी गुड़गुड़ाहट या सरसराहट जैसी आवाजें भी सुनाई देती हैं।

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आम तौर पर पानी खुद-ब-खुद निकल जाता है, लेकिन कुछ उपाय इसे तेजी से बाहर निकालने और ‘स्विमर्स ईयर’ नामक संक्रमण (जो तैराकी के बाद होता है) से बचने में मदद कर सकते हैं।

*कान में पानी क्यों फंस जाता है?

आप सोचते होंगे कि कान की नली सीधी होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। यह दो जगह मुड़ी होती है, और कुछ लोगों की कान नली स्वाभाविक रूप से अन्य लोगों के मुकाबले अधिक पतली होती है।

कान की नली के अंदर बाल और ‘वैक्स’ सुरक्षा के लिए मौजूद होते हैं। सालों तक ठंडे पानी में तैराकी करने वाले लोगों की कान की नली के अंदर हड्डी अतिरिक्त रूप से बढ़ सकती है, जिसे ‘सर्फर्स ईयर’ कहा जाता है। इस अतिरिक्त बढ़त से नली और भी संकीर्ण (पतली) हो जाती है, और पानी फंसने की संभावना बढ़ जाती है।

जब आप तैरते हैं, तो जब आप अपना सिर पानी में डालते हैं तो पानी आसानी से इन सभी घुमावों और रुकावटों को पार कर सकता है। लेकिन बाद में इसे बाहर निकालना मुश्किल हो सकता है।

*पहले सबसे आसान तरीके आजमाएं

हिलाएं और झुकाएं: अपने कान के निचले हिस्से (ईयरलोब) को हल्के-से ऊपर-नीचे खींचें और जिस कान में पानी भरा है, उसे अपने कंधे की ओर झुका लें। इससे कान की नली सीधी हो जाती है और गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पानी बाहर निकलने लगता है।

करवट लेकर लेटें: एक तौलिये पर कुछ मिनटों के लिए उसी साइड करवट लेकर लेटें, जिस कान में पानी है, फिर दूसरी करवट पलट जाएं। यहां भी गुरुत्वाकर्षण पानी निकालने में मदद करता है। गर्मियों में धूप और तौलिये की गर्मी कान के अंदर के पानी को और जल्दी सुखाने में मदद करती है।

कप और पंप तरीका: अपनी हथेली को हल्का-सा कप के आकार में बनाकर कान पर इस तरह रखें कि पूरा कान ढक जाए, फिर धीरे-धीरे दबाएं और छोड़ें। ऐसा करने से निर्वात जैसा प्रभाव उत्पन्न होता है और पानी बाहर आने लगता है। आप अपने कान के आगे वाले सख्त हिस्से (ट्रेगस) को भी बार-बार हल्के-से दबाकर छोड़ सकते हैं, इससे भी अंदर फंसे पानी की निकासी में मदद मिलती है।

*क्या कान में डाली जाने वाली दवा (ईयर ड्रॉप) की जरूरत है?

अगर अब तक बताए गए तरीके काम नहीं आए हैं, तो आपको ऐसे ईयर-ड्रॉप की जरूरत पड़ सकती है जो कान के अंदर के पानी को सुखाने के लिए बनाए जाते हैं। आम तौर पर इनमें अल्कोहल होता है, जो पानी को जल्दी वाष्पित होने में मदद करता है। ऐसी दवाइयां आप दवा की दुकान से बिना पर्ची के ले सकते हैं। लेकिन इन्हें इस्तेमाल करने से पहले निर्देश जरूर पढ़ें। लेकिन यदि कान में दर्द, पस/स्राव, संक्रमण हो, या कान के पर्दे में छेद हों तो इन्हें बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करें।

कुछ लोग घर पर ही कान का ड्रॉप बनाते हैं जिसे रबिंग अल्कोहल और सफेद सिरके को बराबर मात्रा में मिलाकर तैयार किया जाता है। यह घोल कान की नली को थोड़ा अम्लीय बनाता है, जिससे बैक्टीरिया और फंगस का बढ़ना कम होता है। लेकिन अपने बनाये ड्रॉप का उपयोग करते समय भी सावधान रहें। यहां भी ध्यान रखें कि अगर कान के पर्दे में छेद होने का शक हो तो यह ड्रॉप न डालें। हर कान में सिर्फ कुछ ही बूंदें डालें, अधिक नहीं।

*क्या नहीं करना चाहिए

कभी भी कान के अंदर कोई चीज न डालें, यहां तक कि उंगली या तौलिये का कोना भी नहीं। ऐसा करने से पानी, वैक्स या फंसी हुई चीज कान के और अंदर धकेल दी जाती है और समस्या बढ़ सकती है।

ऐसा करने से आपके कान की नाज़ुक त्वचा को खरोंच लग सकती है जिससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए कॉटन बड्स (रूई लगी तीली) का प्रयोग न करें और ऊपर बताए गए तरीकों (झुकाना, करवट लेना, आदि) पर ही टिके रहें।

*क्या कान में फंसा पानी खतरनाक है?

बहुत लोगों को यह सिर्फ परेशान करने वाला एहसास लगता है, लेकिन कान के अंदर की गर्म और नमी वाली जगह बैक्टीरिया और फंगस के बढ़ने के लिए अनुकूल होती है। इसलिए कान में फंसा पानी ‘स्विमर्स ईयर’ नाम की बीमारी का कारण बन सकता है। इसके लक्षण के तहत बाहरी कान को हिलाने पर दर्द होना, खुजली, पस का निकलना, लालिमा या सूजन और कभी-कभी बुखार होता है।

लगभग हर 10 में से एक व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी इससे प्रभावित होता है। यह अधिकतर गर्मियों में होता है और सात से 14 साल के बच्चों को अधिक जोखिम रहता है।

अगर आपको लगता है कि आपको ‘स्विमरर्स ईयर’ हो गया है, तो चिकित्सक को जरूर दिखाएं क्योंकि आमतौर पर एंटीबायोटिक ड्रॉप और दर्द की दवा की जरूरत हो सकती है।

आंधी-तूफान के बाद या गंदे/प्रदूषित पानी वाले जल निकाय में तैराकी से बचें। नदी-तालाब जैसे मीठे पानी वाने वाले जल निकाय में जोखिम अधिक होता है, लेकिन समुद्र (खारे पानी) में जोखिम थोड़ा कम रहता है। क्लोरीन की मदद से अच्छे से शोधित ‘स्विमिंग पूल’ आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है

*इसे कैसे रोकें और कब मदद लेनी चाहिए

अगर आपको तैरने के बाद कान में पानी फंसने की अनुभूति पसंद नहीं है या बार-बार ऐसा होता है तो ‘स्विमिंग कैप’ या ‘ईयर-प्लग’ का इस्तेमाल करें।

ऑडियोलॉजिस्ट (कान-विशेषज्ञ) आपकी कान की बनावट के अनुसार

उपयुक्त ईयर-प्लग के चयन में मदद कर सकते हैं। तैराकी के बाद कानों को अच्छी तरह सुखाने को प्राथमिकता दें और ऊपर बताए गए तरीकों का उपयोग करें।

अगर किसी कान में दर्द हो, सूजन या लालिमा दिखे, तो हो सकता है कि कान में संक्रमण हो। ऐसी स्थिति में चिकित्सक से सलाह लेना सबसे सुरक्षित है। अगर दो-तीन दिन बाद भी ऐसा लगे कि कान में अब भी पानी फंसा हुआ है, तो कान की जांच जरूर करवानी चाहिए।

(द कन्वरसेशन) संतोष मनीषा

मनीषा


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