रोम, 12 जुलाई (एपी) पोप फ्रांसिस ने कहा है कि वह जब भी सेवानिवृत्त होंगे तो वेटिकन में नहीं रहेंगे या अपने मूल देश अर्जेंटीना नहीं लौटेंगे, बल्कि चाहेंगे कि रोम में कोई चर्च मिल जाए जहां वह ‘कन्फेशन’ सुनवाई करते रहें।
गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करने वाले कैथलिक राजनेताओं के संदर्भ में पूछे जाने पर फ्रांसिस ने कहा कि यह जनप्रतिनिधियों की अंतरात्मा का विषय है। उन्होंने कहा कि कैथलिक चर्च गर्भपात का विरोध करता है और पादरियों तथा बिशप को धर्मगुरू की भूमिका ही निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई पादरी दिशा भटक जाता है तो राजनीतिक समस्या पैदा करता है।’’ उनका इशारा अमेरिका में इस विषय पर चल रही बहस को लेकर था जहां राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी दोनों कैथलिक हैं और गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करते हैं।
फ्रांसिस ने स्पेनिश भाषा के टेलीविजन टेलीवीजायूनीविजन को दिये साक्षात्कार में यह बात कही।
फ्रांसिस (85) ने इस बात से इनकार किया कि वह निकट भविष्य में सेवानिवृत्त होने की योजना बना रहे हैं, लेकिन दोहराया कि पोप बेनेडिक्ट 16वें के 2013 में 600 साल बाद पद छोड़ने वाले पहले पोप बनने के बाद उनके लिए विकल्प खुला है।
उन्होंने कहा कि 2013 के कॉन्क्लेव के समय उन्होंने ब्यूनस आयर्स के आर्चबिशप पद से सेवानिवृत्ति की योजना बनाई थी लेकिन पोप बन गये।
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वैभव माधव
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