(एम जुल्करनैन)
लाहौर, 15 मई (भाषा) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच जमानत के लिये लाहौर उच्च न्यायालय पहुंचे।
वह पिछले हफ्ते उनकी गिरफ्तारी के बाद यहां कोर कमांडर के घर को जलाने व हिंसा की अन्य घटनाओं के सिलसिले में उनके खिलाफ दर्ज मामलों में अपनी पत्नी बुशरा बीबी के साथ अदालत पहुंचे।
खान शुक्रवार को जमानत मिलने के बावजूद फिर से गिरफ्तारी के डर से खुद को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) परिसर में घंटों बंद रखने के बाद शनिवार को अपने लाहौर स्थित घर लौट आए थे। आईएचसी ने 70 वर्षीय खान के खिलाफ 9 मई के बाद दर्ज सभी मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उनको जमानत दे दी थी और उन्हें 15 मई को आगे की राहत के लिए लाहौर उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा था।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने नौ मई को क्रिकेटर से नेता बने खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया था। आईएचसी ने उन्हें दो हफ्तों के लिये अग्रिम जमानत दे दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से खान की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया था और मामले को आईएचसी को भेजा था।
पंजाब पुलिस ने 10 मई को खान और उनकी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं पर हमला करने और लाहौर में ‘कोर कमांडर हाउस’ में आग लगाने के अलावा समर्थकों को सरकारी इमारतों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने व नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाने को लेकर पांच अन्य प्राथमिकी दर्ज की थीं।
खान और उनके सहयोगी शाह महमूद कुरैशी व अन्य पर पिछले मंगलवार को लाहौर छावनी में वरिष्ठ सैन्य कमांडर के घर ‘जिन्ना हाउस’ पर हमला करने के लिए हत्या, आतंकवाद और 20 अन्य जघन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आईएचसी परिसर में पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा मंगलवार को खान की गिरफ्तारी से पाकिस्तान में अशांति फैल गई, जो शुक्रवार तक जारी रही। इस दौरान कई लोगों की जान गई और प्रदर्शनकारियों द्वारा दर्जनों सैन्य व अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया गया।
पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार, प्रदर्शनकारियों ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर धावा बोल दिया और लाहौर में कोर कमांडर के घर में आग लगा दी।
भाषा
प्रशांत दिलीप
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