अमेरिकी रक्षा सहयोग को चुनने वाले देशों में भारत ‘बड़ा उदाहरण’ : पेंटागन |

अमेरिकी रक्षा सहयोग को चुनने वाले देशों में भारत ‘बड़ा उदाहरण’ : पेंटागन

अमेरिकी रक्षा सहयोग को चुनने वाले देशों में भारत ‘बड़ा उदाहरण’ : पेंटागन

:   Modified Date:  January 18, 2023 / 09:45 PM IST, Published Date : January 18, 2023/9:45 pm IST

वाशिंगटन, 18 जनवरी (भाषा) अमेरिकी रक्षा विभाग ‘पेंटागन’ ने कहा है कि भारत उन देशों के बीच ‘‘बड़ा उदाहरण’’ है जो अमेरिका से रक्षा सहायता का चयन कर रहे हैं।

पेंटागन के प्रवक्ता पैट राइडर ने यह भी कहा कि अमेरिका जानता है कि रूस या सोवियत युग के हथियार खरीदने वाले कुछ देश मास्को के साथ भी संबंध बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने मंगलवार को वाशिंगटन में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ऐसे कई देश हैं जो रूस के साथ रक्षा संबंध बरकरार रखे हुए हैं। साथ ही, यह अलग-अलग देशों के लिए एक संप्रभु निर्णय है।’’

राइडर से पूछा गया कि क्या अमेरिका द्वारा उन देशों के साथ साझा की जाने वाली सूचना या प्रौद्योगिकी को रूस के साथ साझा किए जाने को लेकर कोई चिंता नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘उन देशों में से कई ने अतीत में रूस-निर्मित या सोवियत युग के उपकरण खरीदे हैं। इस कारण से वे किसी प्रकार का संबंध बनाए रख सकते हैं। रक्षा सहयोग के दृष्टिकोण से, निश्चित रूप से अमेरिका के नजरिए से, मुझे लगता है कि क्षमताओं को शामिल करने की दिशा में अमेरिका द्वारा प्रदान की जाने वाली रक्षा सहायता कहीं अधिक भरोसेमंद हैं।’’

राइडर ने कहा, ‘‘और यह कुछ ऐसा है जिस पर हम दुनिया भर के विभिन्न साझेदारों और सहयोगियों के साथ चर्चा करते रहते हैं…वे इस प्रकार की प्रणालियों को खरीदने के लिए चुनते हैं तो हम निश्चित रूप से नजर बनाए रखते हैं। भारत एक बड़ा उदाहरण है।’’

भारत और अमेरिका के बीच 1997 में रक्षा व्यापार लगभग नगण्य था, आज यह 20 अरब डॉलर से अधिक है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा करने से परहेज करते हुए संयुक्त राष्ट्र में मतदान से दूर रहने को लेकर भारत को अमेरिकी रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों की आलोचना का सामना करना पड़ा है।

अमेरिकी अधिकारियों ने रूस से भारत द्वारा एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद पर भी चिंता व्यक्त की है। अमेरिका की कड़ी आपत्तियों और जो बाइडन प्रशासन की ओर से प्रतिबंधों की चेतावनी के बावजूद भारत ने अपने फैसले में कोई भी बदलाव करने से इनकार कर दिया है और मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के साथ आगे बढ़ रहा है।

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)