Maulana Fazlur Rehman Big Statement : ‘भारत बन रहा महाशक्ति और पाकिस्तान हो रहा दिवालिया’, पाकिस्तानी नेता मौलाना फजलुर रहमान ने दिया बड़ा बयान
Maulana Fazlur Rehman Big Statement : मौलाना फजलुर रहमान ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि, जहां पाकिस्तान और भारत ने एक साथ आजादी हासिल की
Maulana Fazlur Rehman Big Statement
नई दिल्ली : Maulana Fazlur Rehman Big Statement : भारत की तरक्की को देखकर पड़ोसी देश पाकिस्तान के नेता बौखला गए हैं। पाकिसातन के नेता संसद में बेहद गंभीर बयान दे रहे हैं। इसी कड़ी में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पाकिस्तान के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि, जहां पाकिस्तान और भारत ने एक साथ आजादी हासिल की, वहीं भारत अब एक महाशक्ति बनने की कोशिश कर रहा है जबकि पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है। वो विरोध प्रदर्शन और रैलियां आयोजित करने के PTI के लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों के खुले समर्थन में सामने आए।
अविश्वास मत के जरिए सत्ता ने आई थी JUI-F
Maulana Fazlur Rehman Big Statement : JUI-F और PTI फरवरी के चुनावों के बाद आम सहमति पर पहुंचे थे और ऐलान किया था कि, चुनावों में धांधली हुई है। तब से पार्टियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है, लेकिन जेयूआई-एफ को मौजूदा सरकार के खिलाफ छह-पक्षीय विपक्षी गठबंधन में शामिल नहीं किया गया है।
JUI-F पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नेतृत्व वाली सरकार का अगुआ और प्रमुख हिस्सा था, जो अविश्वास मत के जरिए PTI सरकार को हटाने के बाद सत्ता में आई थी। PTI के समर्थकों ने पार्टी के संस्थापक इमरान खान की जेल के विरोध में शुक्रवार को कराची भर में रैलियां निकालीं और मांग की कि न्यायपालिका अधिकारियों के “अत्याचार” पर ध्यान दे, क्योंकि पार्टी जब भी विरोध करने का ऐलान करती है, तो उसे विरोध करने के उसके संवैधानिक अधिकार से वंचित कर दिया जाता है।
विरोध करना उनका अधिकार है
Maulana Fazlur Rehman Big Statement : नेशनल असेंबली सेशन में पीटीआई नेता असद कैसर ने संसद के अध्यक्ष अयाज सादिक से पार्टी के विरोध के संवैधानिक अधिकार को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि PTI को उसके उचित अधिकार क्यों नहीं दिए जा रहे हैं। हम नागरिक आजाद अदालतें चाहते हैं। PTI नेता के बाद बोलते हुए, फजलुर रहमान ने कहा कि असद कैसर की गुजारिश वाजिब है। विरोध करना उनका (पार्टी का) अधिकार है और मैं उनकी गुजारिश का समर्थन करता हूं।

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