भारत ने पांच वर्ष के अंतराल के बाद चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा जारी करना फिर शुरू किया

भारत ने पांच वर्ष के अंतराल के बाद चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा जारी करना फिर शुरू किया

भारत ने पांच वर्ष के अंतराल के बाद चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा जारी करना फिर शुरू किया
Modified Date: July 23, 2025 / 05:29 pm IST
Published Date: July 23, 2025 5:29 pm IST

बीजिंग, 23 जुलाई (भाषा) भारत ने इस सप्ताह से चीनी नागरिकों को फिर से पर्यटक वीजा जारी करने की घोषणा की है। यह कदम गलवान घाटी में सैन्य झड़प के बाद प्रभावित हुए द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के प्रयासों के तहत उठाया गया है।

भारत ने 2020 में मुख्य तौर पर कोविड-19 महामारी के कारण चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा जारी करना स्थगित कर दिया था, लेकिन पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के मद्देनजर ये प्रतिबंध जारी रहे।

बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि चीनी नागरिक बृहस्पतिवार से पर्यटक वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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एक अधिसूचना में वीजा के लिए आवेदन करने की आवश्यक प्रक्रियाओं के साथ ही बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझू में संबंधित भारतीय वीजा आवेदन केंद्रों पर जमा किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेज के बारे में भी जानकारी दी गई है।

भारत द्वारा फिर से पर्यटन वीजा जारी करने के फैसले का चीन के विदेश मंत्रालय ने स्वागत किया और कहा कि यह सीमा पार यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सकारात्मक कदम है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने मीडिया के भारत के फैसले पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘यह एक सकारात्मक कदम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सीमा पार यात्रा को सुगम बनाना सभी पक्षों के हितों में है। चीन दोनों देशों के लोगों के बीच आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत के साथ संचार और समन्वय बनाए रखने के लिए तैयार है।’’

विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ वार्ता के लगभग डेढ़ सप्ताह बाद भारतीय दूतावास द्वारा पर्यटन वीजा फिर से शुरू किए जाने का निर्णय लिया गया है।

जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में शिरकत करने के लिए 14-15 जुलाई को चीन का दौरा किया था।

विदेश मंत्री ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी वार्ता की और उन्हें बताया कि द्विपक्षीय संबंधों को निरंतर सामान्य करने के प्रयास पारस्परिक लाभकारी परिणाम प्रदान कर सकते हैं।

पिछले महीने, दोनों पक्षों ने लगभग पांच साल के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू की।

भाषा यासिर प्रशांत

प्रशांत


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