भारत ने श्रीलंका मे 13वां संविधान संशोधन लागू करने पर जोर दिया

भारत ने श्रीलंका मे 13वां संविधान संशोधन लागू करने पर जोर दिया

भारत ने श्रीलंका मे 13वां संविधान संशोधन लागू करने पर जोर दिया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: February 3, 2021 2:32 pm IST

कोलंबो, तीन फरवरी (भाषा) भारत ने द्विपीय देश में अल्पसंख्यक तमिलों के बेहतर प्रतिनिधित्व के लिए श्रीलंकाई संविधान के 13वें संशोधन (13ए) को लागू करने पर एक बार फिर जोर दिया है जिसके तहत सूबों को शक्तियों का अंतरण करने एवं प्रांतीय परिषद प्रणाली का प्रावधान है।

पूर्वी प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री सिवनसतुराई चंक्रकांतन और पूर्व सांसद विनयगुरुमूर्ति मुरलीधरन की भारत के उप उच्चायुक्त विनोद के जैकब के साथ मंगलवार को हुई बैठक के दौरान द्विपक्षीय सहयोग एवं 13वें संविधान संशोधन के लागू करने पर चर्चा की।

कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘उप उच्चायुक्त विनोद के जैकब ने माननीय सांसद एस चंद्रकांतन (पिल्लैयन) और वी मुरलीधरण (करुणा अम्मन) के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से अलग से बात की। इस दौरान पूर्वी सूबे से सहयोग बढ़ाने एवं 13वें संशोधन को पूरी तरह से लागू करने और प्रांतीय परिषद पर चर्चा हुई।’’

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उल्लेखनीय है कि श्रीलंका के संविधान में 13वें संशोधन के जरिये तमिल समुदाय को शक्तियों का अंतरण करने का प्रावधान है। भारत, वर्ष 1987 में श्रीलंका के साथ हुए समझौते के बाद किए गए 13वें संशोधन को लागू करने पर जोर देता रहा है।

हालांकि, सिंहली राष्ट्रवादी पार्टियों के साथ-साथ लिबरेशन टाइगर्स तमिल ईलम (लिट्टे) भी इसका विरोध करता रहा है।

भाषा धीरज नरेश

नरेश


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