(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 19 सितंबर (भाषा) भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जो फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आगामी उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करने की अनुमति देता है।
इससे पहले, अमेरिका ने फलस्तीनी अधिकारियों को वीजा देने से इनकार कर दिया था, जिससे वे सत्र में व्यक्तिगत रूप से हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने अपने 80वें सत्र में ‘फलस्तीन राष्ट्र की भागीदारी’ शीर्षक से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके पक्ष में 145 देशों ने मतदान किया, जबकि पांच ने विरोध में वोट दिया और छह देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
अमेरिका और इजराइल ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि भारत इसका समर्थन करने वाले देशों में शामिल था।
प्रस्ताव में अमेरिका के फलस्तीनी प्रतिनिधियों को वीजा देने से इनकार करने और उनके वीजा रद्द करने के निर्णय पर खेद व्यक्त किया गया, जिससे उन्हें संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में भाग लेने से प्रभावी रूप से रोक दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की आम बहस 23 सितंबर को शुरू होगी, जिसमें फलस्तीनी राष्ट्राध्यक्ष 25 सितंबर को विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे।
भाषा शफीक पारुल
पारुल