(अदिति खन्ना)
लंदन, 20 मई (भाषा) पूर्वी इंग्लैंड में ब्रिटेन के ‘नेटवर्क रेल’ के डिपो और रेल लाइन के किनारे से पटरियां चोरी करने के आरोप में कबाड़ का कारोबार करने वाली एक कंपनी के भारतीय मूल के निदेशक समेत गिरोह के सात लोगों को अलग-अलग अवधि की सजा सुनाई गई है।
जसप्रीत ओबरॉय (40) को 2022 से शुरू हुए मुकदमे के आखिर में, उन्हें चोरी की साजिश रचने के दो आरोपों में दोषी करार दिया गया। हाल ही में ‘शेफील्ड क्राउन’ अदालत में उन्हें 30 माह कैद की सजा सुनाई।
‘क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस’ (सीपीएस) ने कहा कि मामले की सुनवाई के दौरान यह साबित हो गया कि ‘जेएसजे मेटल रीसाइक्लिंग लिमिटेड’ ने चोरी की रेल पटरियों को संग्रहित किया। ओबरॉय इसी कंपनी में निदेशक हैं।
सीपीएस ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘इस कंपनी ने चोरी के सामान को उपभोक्ताओं और कारोबारियों को कबाड़ के रूप में बेचकर मुनाफा कमाया।’’
अदालत ने कहा कि इस चोरी में षडयंत्रकर्ताओं की मदद रेलवे के ठेकेदारों ने की जो इन्हें बताते थे कि रेल की पटरियां कहां रखी हैं जिसके बाद साजिशकर्ता भारी वाहन के साथ उस जगह पहुंच जाते थे।
अदालत ने कहा कि मार्च और नवंबर 2016 के बीच ओबरॉय की कंपनी ‘जेएसजे मेटल रीसाइक्लिंग’ में चोरी की इन रेल की पटरियों को पहुंचाया गया।
इस गिरोह में शामिल सभी सदस्यों को 12 से 30 माह के बीच की सजा सुनाई गई है।
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