टीका लगवाने के बाद होने वाला संक्रमण कोविड-19 स्वरूपों के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा विकसित करता है: शोध

टीका लगवाने के बाद होने वाला संक्रमण कोविड-19 स्वरूपों के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा विकसित करता है: शोध

टीका लगवाने के बाद होने वाला संक्रमण कोविड-19 स्वरूपों के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा विकसित करता है: शोध
Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: December 17, 2021 5:43 pm IST

वाशिंगटन, 17 दिसंबर (भाषा) एक शोध के अनुसार जो लोग टीका लगवाने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित होते हैं, उनमें कोविड-19 रोग के जनक यानी सार्स-कोव-2 वायरस के प्रकारों के प्रति बहुत बेहतर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित होती है।

जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि टीका लगवाने के बाद होने वाला संक्रमण (ब्रेकथ्रू संक्रमण) डेल्टा स्वरूप के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है।

निष्कर्ष बताते हैं कि ऐसे लोगों में अन्य प्रकारों के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होने की संभावना है क्योंकि सार्स-कोव-2 वायरस उत्परिवर्तित होता रहता है।

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अमेरिका में ओरेगॉन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी (ओएचएसयू) में सहायक प्रोफेसर तथा वरिष्ठ शोध लेखक फिकाडू ताफेसे ने कहा, ”इससे बेहतर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया आपको नहीं मिल सकती है। ये टीके गंभीर बीमारी के खिलाफ बहुत प्रभावी हैं।”

शोध में पाया गया कि ‘ब्रेकथ्रू’ मामलों में रक्त के नमूनों में मापा गया एंटीबॉडी, फाइजर टीके की दूसरी खुराक लेने के बाद उत्पन्न एटीबॉडी की तुलना में अत्यधिक मात्रा में और लगभग 1000 प्रतिशत तक प्रभावी पाया गया।

परिणाम बताते हैं कि टीकाकरण के बाद मिलने वाली सुरक्षा वास्तव में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती है।

शोध के सह-लेखक तथा ओएचएसयू स्कूल ऑफ मेडिसिन में सहायक प्रोफेसर मार्सेल कर्लिन ने कहा, ”मुझे लगता है कि यह संक्रमण के अंत का संकेत देता है। इसका मतलब यह नहीं है कि महामारी का अंत होने वाला है। यह इंगित करता है कि हम अंत की ओर बढ़ रहे हैं।”

कर्लिन ने कहा, ”टीकाकरण पूरा कराने के बाद जब आप वायरस की चपेट में आ जाते हैं तो आप भविष्य में आने वाले स्वरूपों से बेहतर तरीके से सुरक्षित हो जाते हैं।”

शोध में कुल 52 लोगों के रक्त के नमूनों का अध्ययन किया गया। ये सभी ओएचएसयू के कर्मचारी थे। सभी ने फाइजर का टीका लगवाने के बाद शोध में हिस्सा लिया था।

भाषा

जोहेब मनीषा

मनीषा


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