बीजिंग में कोरोना वायरस की दहशत से संस्थान बंद, इमारतें सील |

बीजिंग में कोरोना वायरस की दहशत से संस्थान बंद, इमारतें सील

बीजिंग में कोरोना वायरस की दहशत से संस्थान बंद, इमारतें सील

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : April 29, 2022/6:42 pm IST

बीजिंग, 29 अप्रैल (एपी) कोरोना वायरस की दहशत अब चीन की राजधानी तक पहुंच गई है और संक्रमण को अनियंत्रित होने से रोकने के लिए बीजिंग में शिक्षण संस्थान बंद कर दिए हैं तथा इमारतें सील कर दी गई हैं। लोग अपने घरों में खाने-पीने की चीजों को एकत्र करने के लिए हड़बड़ी में देखे जा सकते हैं।

अधिकारियों को डर है कि कहीं बीजिंग का हाल भी शंघाई जैसा न हो जाए जहां कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते तीन सप्ताह से अधिक समय से शहर बंद पड़ा है और लोग सख्त प्रतिबंधों के चलते घरों में कैद रहने को मजबूर है। अधिकारी बीजिंग को ऐसी स्थिति से बचाने के लिए अत्यंत सक्रिय हो गए हैं।

ऐसे में चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का बहुत कुछ दांव पर लगा है क्योंकि वह अपनी उस बैठक को बाधित नहीं होने देना चाहती जिसमें पांच साल के तीसरे कार्यकाल के लिए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के प्रति समर्थन व्यक्त किया जाएगा।

शी और पार्टी के मुख्य नीति निर्धारण निकाय, पोलित ब्यूरो ने शुक्रवार को ‘शून्य-कोविड​’ नीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दुनिया के कई देश जहां प्रतिबंध हटा रहे हैं और वायरस के साथ जीने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं चीन अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को बड़े पैमाने पर बंद कर रहा है और समूचे शहरों को सभी आवश्यक यात्रा के लिए बंद कर रहा है।

चीन के उप स्वास्थ्य मंत्री ली बिन ने देश की बड़ी आबादी और अपर्याप्त चिकित्सा संसाधनों का हवाला दिया।

ली ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यदि कोविड रोधी उपायों में ढील दी जाती है तो निश्चित तौर पर कुछ ही समय में संक्रमण के मामलों में भारी वृद्धि दिखाई देगी तथा मामलों के गंभीर होने के साथ साथ लोगों की मौत के मामले भी बढ़ेंगे।’’

बीजिंग की शुरुआती परीक्षण और पृथक-वास की रणनीति काम करती दिख रही है। एक सप्ताह पहले प्रकोप शुरू होने के बाद से संक्रमण के लगभग 200 मामले सामने आए हैं और कोई मौत नहीं हुई है। हालांकि नए मामलों की दैनिक संख्या लगभग 50 तक पहुंच गई है।

शंघाई में कोरोना वायरस के कहर ने चीन की चिंता बढ़ा रखी है और वहां लोगों को सख्त प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है।

एपी नेत्रपाल मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)