परमाणु समझौता वार्ता पर ईरान ने ‘लिखित प्रतिक्रिया’ दी

परमाणु समझौता वार्ता पर ईरान ने ‘लिखित प्रतिक्रिया’ दी

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  • Publish Date - August 16, 2022 / 10:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

दुबई, 16 अगस्त (एपी) ईरान ने मंगलवार को कहा कि उसने विश्व शक्तियों के साथ लगभग भंग हो चुके अपने परमाणु समझौते को दोबारा बहाल करने के लिए तैयार अंतिम मसौदे पर ‘‘लिखित प्रतिक्रिया’’ दी है।

ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने इस प्रतिक्रिया के संबंध कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन यह संकेत दिया कि ईरान अब भी यूरोपीय संघ की मध्यस्थता वाले प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा जबकि ऐसा ना करने पर बातचीत आगे ना बढ़ने की चेतावनी दी गई है।

समाचार एजेंसी ने अपनी खबर में कहा है, ‘‘ तीन मुद्दों को लेकर विवाद है, अमेरिका ने इनमें से दो मामलों में लचीलापन दिखाने का मौखिक रूप से आश्वासन दिया है, लेकिन इसे लिखित रूप में भी दिया जाना चाहिए।’’

खबर में कहा गया है, ‘‘तीसरा मुद्दा (समझौते की) निरंतरता की गारंटी से संबंधित है, जो अमेरिका के यथार्थवाद पर निर्भर करता है। ’’

राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के नेतृत्व में ईरान ने समझौते तक पहुंचने में देरी के लिए बार-बार अमेरिका को दोषी ठहराने की कोशिश की है। ऐसा कहा जा रहा था कि ईरान को सोमवार तक इस पर प्रतिक्रिया देने को कहा गया था।

विदेशी मामलों एवं सुरक्षा नीति पर यूरोपीय संघ की प्रवक्ता नाबिला मसराली ने कहा कि यूरोपीय संघ को सोमवार की रात ईरान की प्रतिक्रिया प्राप्त हो गयी है ।

उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग इसका अध्ययन कर रहे हैं और मामले में अमेरिका तथा अन्य जेसीपीओए भागीदारों से परामर्श कर रहे हैं ।

यूरोपीय संघ अप्रत्यक्ष रूप से ईरान परमाणु वार्ता में रहा है क्योंकि इस्लामिक रिपब्लिक ने 2018 में अमेरिका के साथ सीधे बातचीत करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस समझौते से हटने का ऐलान कर दिया था ।

इस बीच वाशिंगटन में, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि यूरोपीय संघ के माध्यम से ईरान का जवाब उसे भी मिला है और वह उसका अध्ययन कर रहा है ।

विदेश विभाग ने कहा, ‘‘हमलोग अपना विचार यूरोपीय संघ के साथ साझा कर रहे हैं ।

इससे पहले सोमवार को, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका अपनी प्रतिक्रिया यूरोपीय संघ के साथ साझा करेगा।

प्राइस ने कहा, ‘‘ हालांकि, हम (यूरोपीय संघ के) इस मौलिक बिंदु से सहमत हैं, और वह यह है कि जिस पर बातचीत की जा सकती है, उस पर बातचीत हो चुकी है।’’

उन्होंने कहा कि ईरान 2015 के परमाणु समझौते से परे जाकर ‘‘अस्वीकार्य मांग’’ कर रहा है।

ईरान ने 2015 में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, रूस और चीन के साथ परमाणु समझौता किया था।

एपी रंजन माधव

माधव