हेग 28 अप्रैल (एपी) फलस्तीन के एक राजनयिक ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत को बताया कि इजराइल गाजा में निर्दोष नागरिकों की हत्या कर रहा है, उन्हें विस्थापित कर रहा है और राहत कर्मियों को निशाना बना रहा है।
वहीं, इजराइल ने हमास से युद्ध के तहत नागरिकों और सहायता कर्मचारियों को जानबूझकर निशाना बनाने से इनकार किया तथा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में सुनवाई में शामिल नहीं हुआ।
नीदरलैंड के हेग में फलस्तीनी राजदूत अम्मार हिजाजी ने इजराइल पर कब्जे वाले क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
उन्होंने अदालत को बताया, “इजराइल, फलस्तीनियों को भूखा रख रहा है, उनकी हत्या और उन्हें विस्थापित कर रहा है, साथ ही उनकी जान बचाने की कोशिश कर रहे मानवीय सहायता पहुंचा रहे संगठनों को भी निशाना बना रहा है और उन्हें रोक रहा है।”
यह सुनवाई पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक अनुरोध पर केंद्रित है, जिसमें अदालत से इजराइल की कानूनी जिम्मेदारियों पर विचार करने के लिए कहा गया था।
फलस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील पॉल रीचलर ने न्यायाधीशों को बताया कि जिनेवा सम्मेलन न केवल यह निर्धारित करता है कि कब्जा करने वाली शक्ति को आबादी की ओर से राहत योजनाओं पर सहमत होना चाहिए, बल्कि यह इस बात पर भी जोर देता है कि उसे अपने पास उपलब्ध सभी साधनों से उन्हें सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
कानूनी मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव एलिनोर हैमरशॉल्ड ने कहा, “अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कब्जा करने वाली शक्ति द्वारा किये गए उपायों को इस तरह से लागू किया जाना चाहिए कि इससे संयुक्त राष्ट्र जैसे निष्पक्ष मानवीय सहायता संगठनों को राहत योजनाओं को पूरा करने की क्षमता से वंचित न किया जाए।”
गाजा में मानवीय सहायता प्रणाली के असहाय होने के कारण अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई।
इजराइल ने दो मार्च से भोजन, ईंधन, दवा और अन्य मानवीय आपूर्ति के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।
इजराइल ने 18 मार्च को युद्ध विराम को तोड़ते हुए बमबारी फिर से शुरू की और क्षेत्र के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया।
इजराइल ने कहा कि उसका उद्देश्य हमास को और अधिक बंधकों को रिहा करने के लिए मजबूर करना है।
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने पिछले सप्ताह बताया था कि गाजा पट्टी में उसके खाद्य भंडार समाप्त हो गए हैं, जिससे लाखों फलस्तीनियों के लिए अपना पेट भरना और मुश्किल होता जा रहा है।
एजेंसी ने बताया कि कई परिवार अपने बच्चों के लिए भोजन जुटाने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।
एपी जितेंद्र दिलीप
दिलीप
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