यरूशलम, 25 अप्रैल (एपी) पोप फ्रांसिस के निधन की घोषणा होने के कुछ घंटे बाद इजराइल के विदेश मंत्रालय की ओर से ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए शोक संदेश को बिना किसी स्पष्टीकरण के हटा लिया गया।
संदेश में लिखा था, “पोप फ्रांसिस की आत्मा को शांति मिले। उनकी याद हमारे लिए आशीर्वाद बनी रहे।”
फ्रांसिस के निधन पर पूरी दुनिया में शोक जताया जा रहा है। ऐसे में इस पोस्ट को हटाए जाने का कारण, गाजा में युद्ध को लेकर फ्रांसिस की ओर से कई बार इजराइल की आलोचना किया जाना हो सकता है।
विदेश मंत्रालय ने पोस्ट हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हस्तियों का निधन होने पर बयान जारी करने में अकसर शीघ्रता दिखाते हैं। लेकिन पोप के निधन पर अब तक उन्होंने कुछ नहीं कहा है। विदेश मंत्री गिडियोन सार ने भी इस पर चुप्पी साध रखी है। इजराइल की ओर से केवल राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने आधिकारिक रूप से शोक जताया है, जो मोटे तौर पर एक औपचारिक पद पर आसीन हैं।
हर्जोग ने फ्रांसिस की प्रशंसा करते हुए उन्हें “गहरी आस्था और असीम करुणा वाला व्यक्ति” बताया।
पोप के तौर पर फ्रांसिस के कार्यकाल में इजराइल और वेटिकन के बीच संबंधों में लगातार सुधार हुआ। इसका प्रमाण 2014 में उनकी इजराइल यात्रा भी है। लेकिन 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल में हमास के घातक हमले के बाद गाजा में युद्ध छिड़ जाने से सब कुछ बदल गया।
इजराइली पीड़ितों और बंधकों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए, फ्रांसिस ने यह भी कहा था कि गाजा और लेबनान में इजराइल के हमले ‘अनैतिक’ और बेतुके हैं।
उन्होंने यह पता लगाने का भी आह्वान किया था कि क्या गाजा में इजराइल के हमले नरसंहार हैं। हालांकि इजराइल इस आरोप से इनकार करता रहा है।
इजराइल और फलस्तीनी क्षेत्रों में ईसाइयों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह के प्रमुख वादी अबुनस्सर ने कहा, “सात अक्टूबर को जो कुछ हुआ, पोप फ्रांसिस ने उसकी निंदा की, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सात अक्टूबर को जो हुआ वह उसके बाद से हो रही घटनाओं को उचित नहीं ठहराते।”
अबुनस्सर ने कहा कि पोप फ्रांसिस एक ऐसे मित्र की तरह थे जो सच बोलते थे, भले ही आप वह सच न सुनना चाहते हों।
एपी जोहेब मनीषा
मनीषा
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