इजराइल की सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा पर सैन्य नियंत्रण लेने की योजना को मंजूरी दी

इजराइल की सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा पर सैन्य नियंत्रण लेने की योजना को मंजूरी दी

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  • Publish Date - August 8, 2025 / 01:08 PM IST,
    Updated On - August 8, 2025 / 01:08 PM IST

यरूशलम, आठ अगस्त (भाषा) इजराइल की सुरक्षा कैबिनेट ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गाजा शहर पर सैन्य नियंत्रण लेने की योजना को मंजूरी दे दी है।

यह मंजूरी उस पांच सूत्री लक्ष्य के तहत दी गई जिसका मुख्य उद्देश्य हमास को ‘‘निरस्त्र’’ करना है। इस निर्णय ने इस क्षेत्र में लगभग दो साल से जारी युद्ध के और तीव्र होने की आशंका पैदा कर दी है।

गाजा शहर पर नियंत्रण करने का विवादास्पद निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब पूरे इजराइल में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें युद्ध को तत्काल समाप्त करने और हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की तत्काल वापसी सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है।

नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, ‘‘सुरक्षा कैबिनेट के मंत्रियों का बहुमत से यह मानना है कि सुरक्षा कैबिनेट को सौंपी गई वैकल्पिक योजना से न तो हमास की हार होगी और न ही बंधकों की वापसी होगी।’’

यह अभी स्पष्ट नहीं है कि वैकल्पिक योजना क्या थी।

सुरक्षा मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत योजना में पांच सिद्धांत शामिल हैं: हमास को निरस्त्र करना, सभी बंधकों की वापसी, गाजा का विसैन्यीकरण, गाजा में इजराइली सुरक्षा नियंत्रण और एक ऐसे असैन्य प्रशासन की स्थापना जो न तो हमास हो और न ही फलस्तीनी प्राधिकरण।

नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि इजराइली रक्षा बल (आईडीएफ) युद्ध क्षेत्रों के बाहर आम नागरिकों को मानवीय सहायता वितरित करते हुए गाजा शहर पर नियंत्रण लेने की तैयारी करेंगे।

इससे पहले, इजराइली सशस्त्र बलों के ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने गाजा शहर पर पूर्ण सैन्य कब्जे के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा था कि यह एक ‘‘जाल’’ होगा।

हमास ने सात अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमला किया था जिसमें करीब 1,200 लोगों की हत्या कर दी गई थी और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था जिनमें से 50 अब भी बंधक हैं। इसके जवाब में इजराइल का सैन्य अभियान 22 महीने से जारी है। गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइली सैन्य अभियानों में 60,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं।

गाजा बड़े पैमाने पर मानवीय संकट से जूझ रहा है, जिसका मुख्य कारण भोजन और दवाओं की कमी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले महीने कहा था कि गाजा में कुपोषण की दर ‘‘खतरनाक स्तर’’ पर पहुंच गई है।

नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की बैठक से पहले भारतीय पत्रकारों के एक समूह से बृहस्पतिवार को कहा था कि इजराइल गाजा पर कब्जा या उसका विलय नहीं करना चाहता और इसका एकमात्र उद्देश्य हमास को खत्म करना तथा क्षेत्र को एक अस्थायी सरकार को सौंपना है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि इजराइल जल्द से जल्द युद्ध समाप्त करके गाजा की सुरक्षा का नियंत्रण अपने जिम्मे लेना चाहता है।

नेतन्याहू ने कहा था, ‘‘गाजा पर कब्जा करने या उसका विलय करने की हमारी योजना नहीं है। हमारा एकमात्र उद्देश्य हमास का खात्मा करना, हमारे बंधकों को वापस लाना और फिर गाजा को अस्थायी सरकार को सौंपना है।’’

गाजा में सैन्य अभियानों का विस्तार करने से अनगिनत फलस्तीनियों और इजराइली बंधकों की जान जोखिम में पड़ जाएगी। साथ ही इजराइल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी अलग-थलग पड़ सकता है। गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों को डर है कि अगर तनाव बढ़ा तो उनके प्रियजनों की जान जा सकती है।

कुछ लोगों ने यरुशलम में सुरक्षा कैबिनेट के बैठक स्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

भाषा सिम्मी नेत्रपाल

नेत्रपाल